आयुर्वेद पर्व (कानपुर) में केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद यशो नाइक भी उपस्थित रहे. उन्होंने उत्तरप्रदेश के प्रस्तावित आयुर्वेद विश्वविद्यालय के लिए 10 करोड़ रुपए देने की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि आज हम बड़ी अशांति और उथल-पुथल के युग में जी रहे हैं जहाँ अतीत गायब हो रहा है और भविष्य अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है. ऐसे समय में सांस्कृतिक विचारों , सांस्कृतिक व्यक्तियों और सांस्कृतिक विचारधारा की खोज हुई है जो हमे अतीत में ले जाता है. ऐसे में अब आयुर्वेद को जीने का समय है. हड़प्पा-सिन्धुघाटी की सभ्यता जो लगभग 3000 ईशा पूर्व में उत्पन्न हुई थी उसने वैदिक सभ्यता को जन्म दिया था. आर्य लोग अपने साथ प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के वेद लेकर आए थे. आयुर्वेद अथर्ववेद का उपवेद है. अथर्ववेद और ऋगवेद में बहुत सारे चिकित्सकीय शब्द और संदर्भ का उल्लेख मिलता है. आयुर्वेद तंत्र की उत्पति वैदिक विद्वानों से हुई है. आयुर्वेद की अपनी खुद की चिकित्सा पद्धति है. आयुर्वेद का उद्देश्य है कि स्वास्थ्य को कैसे बनाए रखे और लोगों का उपचार कैसे करें?
उनके पूरा भाषण नीचे दिए गए वीडियो के जरिए देख-सुन सकते हैं. (वीडियों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की नहीं है, उसके लिए खेद है)
उत्तरप्रदेश में बनेगा आयुर्वेद विश्वविद्यालय - योगी आदित्यनाथ
अब आयुर्वेद को जीने का समय है - श्रीपद यशो नाइक
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भांग से आयुर्वेद दवाओं की संभावनाओं पर डॉ. दीपक त्रिपाठी से बातचीत
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