आयुर्वेद की स्वीकार्यता पूरे विश्व में तेजी से बढ़ रही है. भारतीय आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए एक तरफ यह प्रसन्नता की बात है तो दूसरी तरफ कॉपीराईट और पेटेंट को लेकर चिंता भी है. दरअसल आयुर्वेद के बहुत सारी औषधियों और प्रोडक्ट पर पश्चिमी देशों की बड़ी - बड़ी दवा कंपनियों की नज़र है. वे अलग-अलग नाम से या तो उसका पेटेंट और कॉपीराईट ले चुके हैं या लेने की ताक में है. ऐसे में भारतीय आयुर्वेद चिकित्सकों को पेटेंट और कॉपीराईट के नियमों से अवगत होना जरुरी है. इसी संबंध में वैद्य अनुपम बता रहे हैं जो ऋषिकल्प हेल्थकेयर नाम से अपना क्लिनिक चलाते है और उन्होंने त्रिदोष क्लॉक समेत अपनी कई आयुर्वेदिक प्रोडक्ट का पेटेंट और कॉपीराईट करवाया है. सुनिए पेटेंट और कॉपीराईट के नियम -
पेटेंट और कॉपीराईट के नियम -