नयी दिल्ली. पतंजलि आयुर्वेद की रूचि सोया में दिलचस्पी अब भी बरकरार है. कंपनी ने फिर से रूचि सोया के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखायी है. पीटीआई की तरफ से जब पतंजलि के प्रवक्ता एस.के.तिजारावाला से पूछा गया कि क्या उनकी कंपनी अभी भी रुचि सोया के अधिग्रहण में दिलचस्पी ले रही है? उसके जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी अभी भी रुचि सोया के अधिग्रहण में दिलचस्पी ले रही है. उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हां, हमें दिलचस्पी है. यदि हमें मंजूरी मिली तो हम रुचि सोया का अधिग्रहण करने के लिये तैयार हैं.’’
रुचि सोया के लिए सर्वाधिक बोली लगाने वाली अडानी विलमर ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) को एक पत्र लिखकर दिवालिया प्रक्रिया पूर्ण होने में हो रही देरी के कारण खाद्य तेल कंपनी की संपत्ति गुणवत्ता घटने का मुद्दा उठाया है. सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने हालांकि आरपी को लिखा है कि समाधान प्रक्रिया में काफी देरी हो रही है, जिसके कारण संपत्ति की गुणवत्ता घट रही है. उसने आरपी से सवाल किया है कि वह कम गुणवत्ता वाली संपत्ति को पहले लगाई गई कीमत पर ही क्यों खरीदे.
इंदौर की कंपनी रुचि सोया के विरुद्ध कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रक्रिया (सीआइआरपी) दिसंबर 2017 को शुरू हुई थी. अडानी विलमर ने रुचि सोया का अधिग्रहण करने के लिए करीब 6,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी और उसे अगस्त में सबसे बड़ी बोलीदाता घोषित कर दिया गया था.
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