Ayurveda Street
प्रधानमंत्री मोदी ने आज प्रसारित मन की बात में आयुर्वेद की जमकर तारीफ की और आयुर्वेद की सफलता की कई कहानियाँ भी सुनाई। उन्होंने कहा कि दुनिया के लाखों लोग आज आयुर्वेद से ऐसे ही लाभ उठा रहे हैं। ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स भी आयुर्वेद के बहुत बड़े प्रशंसकों में से एक हैं। जब भी मेरी उनसे मुलाकात होती है, वो आयुर्वेद का जिक्र जरूर करते हैं। उन्हें भारत के कई आयुर्वेदिक संस्थाओं की जानकारी भी है।
प्र. मोदी ने अपने अभिभाषण में सरकार द्वारा आयुर्वेद के लिए किए कार्यों के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले सात वर्षों में देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार पर बहुत ध्यान दिया गया है। आयुष मंत्रालय के गठन से चिकित्सा और स्वास्थ्य से जुड़े हमारे पारंपरिक तरीकों को लोकप्रिय बनाने के संकल्प को और मजबूती मिली है। मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि पिछले कुछ समय में आयुर्वेद के क्षेत्र में भी कई नए Start-up सामने आए हैं। इसी महीने की शुरुआत में Ayush Start-up Challenge शुरू हुआ था। इस Challenge का लक्ष्य, इस क्षेत्र में काम करने वाले Start-ups को identify करके उन्हें Support करना है। इस क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं से मेरा आग्रह है, कि वे इस Challenge में जरुर हिस्सा लें।
आयुर्वेद की सफलता की कहानी के तौर पर प्रस्तुत करते हुए उन्होंने केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री राइला ओडिंगा की कहानी बयान करते हुए मन की बात में कहा - "कुछ दिनों पहले मेरी मुलाकात, मेरे मित्र, और Kenya के पूर्व प्रधानमंत्री राइला ओडिंगा जी से हुई थी। ये मुलाकात, दिलचस्प तो थी ही लेकिन बहुत भावुक थी। हम बहुत अच्छे मित्र रहे तो खुलकर के काफी बातें भी कर लेते हैं। जब हम दोनों बातें कर रहे थे, तो ओडिंगा जी ने अपनी बिटिया के बारे में बताया। उनकी बेटी Rosemary को Brain Tumour हो गया था और इस वजह से उन्हें अपनी बिटिया की Surgery करानी पड़ी थी। लेकिन, उसका एक दुष्परिणाम ये हुआ कि Rosemary की आंखों की रोशनी करीब-करीब चली गई, दिखाई देना ही बंद हो गया। अब आप कल्पना कर सकते हैं उस बेटी का क्या हाल हुआ होगा और एक पिता की स्थिति का भी हम अंदाज लगा सकते हैं, उनकी भावनाओं को समझ सकते हैं। उन्होंने दुनियाभर के अस्पतालों में, कोई भी दुनिया का बड़ा देश ऐसा नहीं होगा, कि जहाँ उन्होंने, बेटी के इलाज के लिए, भरपूर कोशिश न की हो। दुनिया के बड़े-बड़े देश छान मारे, लेकिन, कोई सफलता नहीं मिली और एक प्रकार से सारी आशायें छोड़ दी पूरे घर में एक निराशा का वातावरण बन गया। इतने में, किसी ने उनको, भारत में, आयुर्वेद के इलाज़ के लिए आने के लिए सुझाव दिया और वो बहुत कुछ कर चुके थे, थक भी चुके थे, फिर भी उनको लगा कि चलो भई एक बार try करें क्या होता है ? वे भारत आये, केरला के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में अपनी बेटी का इलाज करवाना शुरू किया। काफी समय बेटी यहाँ रही। आयुर्वेद के इस इलाज का असर ये हुआ कि Rosemary की आंखों की रोशनी काफी हद तक वापस लौट आई। आप कल्पना कर सकते हैं, कि, जैसे एक नया जीवन मिल गया और रोशनी तो Rosemary के जीवन में आई। लेकिन पूरे परिवार में एक नई रोशनी नई जिंदगी आ गई और ओडिंगा जी इतने भावुक हो करके ये बात मुझे बता रहे थे, कि उनकी इच्छा है, कि, भारत के आयुर्वेद का ज्ञान है विज्ञान है वो Kenya में ले जाए। जिस प्रकार के Plants इसमें काम आते हैं उन plant की खेती करेंगे और इसका लाभ अधिक लोगों को मिले इसके लिए वो पूरा प्रयास करेंगे।
मेरे लिए ये बहुत खशी की बात है कि हमारी धरती और परंपरा से किसी के जीवन से इतना बड़ा कष्ट दूर हुआ। ये सुन करके आपको भी खुशी होगी। कौन भारतवासी होगा जिसको इसका गर्व ना हो ? हम सभी जानते हैं कि ओडिंगा जी ही नहीं बल्कि दुनिया के लाखों लोग आयुर्वेद से ऐसे ही लाभ उठा रहे हैं।"
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