Disease and Treatment
आयुर्वेद में नेत्र विज्ञान : डॉ. भारत भूषण, निदेशक, ओम आयुर्वेद आई केयर सेंटर
आयुर्वेद में नेत्र चिकित्सा एक अलग विधा के रूप में मौजूद है. लेकिन इस बारे में जानकारी का सर्वथा अभाव है. इस संबंध में निरोगस्ट्रीट ने 'ओम आयुर्वेद आई केयर सेंटर' के संस्थापक और वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ. भारत भूषण से बातचीत की और आयुर्वेद में नेत्र चिकित्सा के बारे में विस्तृत जानकारी ली. वे 8 वर्षों से बतौर नेत्र विशेषज्ञ प्रैक्टिस कर रहे हैं. हम जब इंटरव्यू लेने के लिए डॉ. भारत भूषण के गुरुग्राम स्थित क्लिनिक पर पहुंचे तो सुखद आश्चर्य हुआ कि उनके क्लिनिक पर अच्छी-खासी संख्या में नेत्र रोगी मौजूद थे जिनमें से कई ऐसे नेत्र रोगी थे जो आँखों की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे. इनमें से आधे से ज्यादा रोगी ऐसे थे जो गुरुग्राम से बाहर के थे. इनमें दिल्ली, हरियाणा, बिहार आदि के आए हुए रोगी भी थे. वहां एक ऐसे रोगी से भी हम मिले जिनका इलाज अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में नहीं हो पाया. लेकिन यहाँ आते ही उन्हें दो हफ्ते में ही आराम मिला.
सेक्टर 40 में स्थित ओम आयुर्वेदिक आई केयर सेंटर में बाहर से आए रोगियों के रूकने की भी व्यवस्था है. बहरहाल जब हमने बातचीत शुरू की तो डॉ. भारत भूषण ने नेत्र रोगों की बढ़ती संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पूरे विश्व में नेत्रहीनों की संख्या चिंताजनक रूप से लगातार बढ़ रही है और अब यह समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है. एक अनुमान के मुताबिक़ 39 मिलियन लोग पूरी तरह से नेत्रहीन हैं. इनमें से ऐसे बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो समय पर सही नेत्र चिकित्सा के अभाव में अपने आँखों की ज्योति गँवा बैठे.
आयुर्वेद में नेत्र चिकित्सा के सवाल पर डॉ. भूषण कहते हैं कि नेत्र व्याधियों के लिए आयुर्वेद किसी वरदान से कम नहीं है. इसमें विभिन्न नेत्र रोग के लिए बेहतर चिकित्सा की व्यवस्था है. लेकिन सबसे बड़ी खूबी ये है कि आयुर्वेद नेत्र चिकित्सा उस दिशा में काम करता है जिससे आँखों की बीमारियाँ हो ही न. वे बताते हैं -
"आँखों में रेटीना में खराबी (retina problems), ऑप्टिक नर्व में खराबी (optic nerve damage), रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (retinitis pigmentosa treatment), डायबिटिक रेटिनोपैथी (diabetic retinopathy), उम्र के साथ आँखों में आने वाला धूंधलापन (age-related macular degeneration - armd), ग्लोकोमा (glaucoma), मायोपिया (myopia), ड्राई आई (dry eye) आदि नेत्र व्याधियों में आयुर्वेद में बेहतर निदान है. सफलता का अनुपात (ratio) भी काफी ज्यादा है. आयुर्वेद नेत्र चिकित्सा में आँखों से संबंधित असाध्य रोगों का भी इलाज संभव है. इसके अलावा नेत्र रोग हो ही नहीं, उसे लेकर भी आयुर्वेद में बेहतर तरीके बताए गए हैं जिसे आयुर्वेद नेत्र चिकित्सक परामर्श लेने आए सामान्य रोगियों को बताते हैं."
गलत जीवनशैली और खान-पान को वे आँखों की बीमारियों का प्रमुख कारण मानते हैं. नेत्र विकारों के निदान के बारे में बताते हुए वे कहते हैं कि नेत्र संबंधी व्याधियों की प्रकृति पर ही आयुर्वेदिक निदान निर्भर करता है. आयुर्वेद नेत्र चिकित्सा की उपचार की अपनी ही पद्धति है. छोटी-मोटी आँखों की समस्या का उपचार आयुर्वेदिक घरेलू उपाय से ही हो जाता है. रसगत और रक्तगत समस्याओं में थोड़े ही इलाज से आँखें ठीक हो जाती है. नियमित पलक झपकाने (blinking) जैसे घरेलू उपायों से प्रारंभिक स्तर की ड्राय आई (dry eye) की समस्या से निजात पाया जा सकता है. आँखों की समस्या के कारणों को जानकर भी आँखों की समस्या होने से बचा जा सकता है. आँखों की समस्या हो ही न, आयुर्वेद इसका उपाय बताती है. लेकिन जब गंभीर नेत्र रोग मसलन रेटीना आदि से संबंधित रोग सामने आते हैं तो उसका उपचार भी आयुर्वेद में संभव है.
डॉ. भारत भूषण से हमने नेत्र व्याधियों से संबंधित कई और प्रश्न भी पूछे. उनसे साथ हुई पूरी बातचीत को आप नीचे दिए गए वीडियो में देख सकते हैं.