देश में आयुर्वेद का जैसे-जैसे प्रचार-प्रसार बढ़ रहा है , वैसे-वैसे उसका बाज़ार भी विस्तृत होता जा रहा है. लेकिन इस बढ़ते बाज़ार का सबसे ज्यादा किसी को फायदा मिला तो वह बाबा रामदेव की पतंजलि है. हालात ये हैं कि एक छोटी सी दवा कंपनी से शुरुआत करने वाली पतंजलि आयुर्वेद आज बहुराष्ट्रीय कंपनियों को चुनौती दे रही है और अब आईपीओ लाने की तैयारी में है. ये कयास तब शुरू हुए जब कंपनी की शेयर बाजार में लिस्टिंग को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में बाबा रामदेव ने कहा कि इसी महीने वह इससे जुडी अच्छी खबर देने वाले हैं. उनके इस बयान को आईपीओ लाने से जोड़कर देखा गया. अभी पतंजलि आयुर्वेद का कारोबार दस हजार करोड़ रूपये का है जिसे बीस हजार रूपये तक पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
लेकिन पतंजलि के लिए चिंता का विषय है कि उसके उत्पादों की बिक्री में इधर कमी आयी है. पांच साल में पहली बार कंपनी की आमदनी में गिरावट दर्ज की गई. मार्च 2018 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में कंपनी का स्टैंडअलोन कंज्यूमर गुड्स रेवेन्यू 2013 के बाद पहली बार 10 फीसदी से अधिक गिरावट के साथ 8,148 करोड़ रुपये रहा.
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