Disease and Treatment
कभी कभी ऐसा देखा जाता है कि तैल की मालिश करने पर भी जोड़ो के दर्द में आराम नही होता या कभी कभी और बढ़ जाता है। जोड़ों के इस तरह के दर्द को आयुर्वेद में आमवात के नाम से जाना जाता है। यह रोग स्त्रियों में अधिक देखा जाता है। इसका मुख्य कारण भोजन
पाचन शक्ति में गइ़बड़ी होना है।
लक्षण (कैसे पहचाने)
ज्यादातर उंगलियो के जोड़ो में, अंगूठे के मूल में, मन्या, पैर के अँगूठे और घुटनों में दर्द
होना व सूजन होना
हल्का हलका बुखार बना रहना
सुबह बिस्तर से उठने के बाद शरीर में आलसी और अकड़न रहना
पेशाब बार बार लगना
पेट साफ न होना , हमेशा सुस्त सुस्त लगना
इस वात रोग में दर्द की शुरुवात छोटी सन्धियों से जैसे कि उंगलियों के जोड़ो से होती है।
फिर धीरे धीरे बढ़कर शरीर के सभी जोड़ों में फैल जाती है ।
ऐसे रोगी के लिए हलचल करना मुश्किल होता है।
घुटनो पर केवल छूने मात्र से जोरदार दर्द होता है।
इसका यदि सही इलाज न किया गया तो आगे जाकर उंगलियो में टेढ़ापन, हृदय रोग
आदि कई खतरनाक रोग होसकते है।
आमवात के कारण
गलत खान पान व असमय खानपान
उपवास अधिक करना
नियमित बासी भोजन खाना
ज्यादा मात्रा में नियमित तैलीय पदार्थ खाना
अत्यधिक ठंडी चीजे जैसे कुल्फी,कोल्ड्रिंक, फ़ास्ट फूड दही,चावल इत्यादि खाना
व्यायाम बिल्कुल न करना या अतिमात्रा में व्यायाम करना
वयानुसर हड्डियों की गुणवता में कमी होना
भोजन के तुरंत बाद आराम करना
ठंड स्थान या AC, कूलर के आगे काफी समय से सोने की वजह से
वजन ज्यादा होने की वजह से सन्धियों पर भार ज्याद होना
कभी कोई चोट या आघात की सही तरिके से ईलाज न करना
महिलाएं यदि डिलीवरी के बाद डॉक्टर के बताए नियमो के पालन न करने की वजह से
बार बारखाना ,अति मात्रा में या गलत चीजें खाना जिससे पाचन क्रिया बिगड़ कर
आमवात में परिवर्तित होजाता है।
ज्यादातर महिलाओं में जिनकी उम्र 40 वर्ष से ऊपर है , जिनके परिवार में किसी को यह
रोग हुआ हो उन्हें ज्यादा खतरा होता है।
ऐसे व्यक्ति धूमपान, मद्यपान करते है तो उनका रोग और बलवान होजाता है।
डॉक्टर को दिखाने का समय
जब चलते समय जोड़ो में दर्द बहुत अधिक होगया हो
चलने में उठकर बैठने में दर्द, सूजन आने पर या फिर जोड़ो की जगह पर होगयी हो ,तो
तुरंत वैद्य /चिकित्सक के पास जाएं।
हल्का बुखार और जोड़ो का दर्द कई दिनों से हो और ठीक न हो रहा हो तो तुरंत
चिकित्सक के पास जाए।
कौन-कौनसी जांच करवाना जरूरी
X-ray- ग्रस्त सन्धियों का X-ray करवाना जरूरी है,इससे यह पता लगेगा कि उस स्थान
पर कोई विकृति तो नही हुई है।
Rh फैक्टर आमवात की निश्चिती करने के लिए
रक्त जांच- रक्त कमी ,या अन्य कोई इंफेक्शन का पता लगाने के लिए।
Bone Mass Density- अस्थियों की गुणवता जांचने के लिए
आमवात से बचने के इपाय
भोजन के नियमों का पालन करे
सही तरीके से नियमित व्यायाम करें
अपने शरीर प्रमाण व बल के अनुसार वजन बना कर रखे
कोई चोट लगी हो तो तूरंत अच्छे से उसका उवचार करवाये।
आमवात ठीक करने के लिए घरेलू उपचार
गर्म पानी पिये
2 लीटर पानी मे 20 gm कृचला हुआ आद्रक या 10 gm पिसी हुई शोठ मिलाकर उबाले।
जब आधा शेष रहे तो ठंडा होने पर पिये।
लहसुन 10-15gm, गुड़ 2gm चटनी बनाकर खाये
रेत और नमक की पोटलियों से जोड़ो पर सेक करे।
मेथी दाना ,कलौंजी अजवायन चूर्ण मिलाकर 1 चम्मच सुबह शाम ले।
सावधान, अगर इन सब का प्रयोग करने पर भी कुछ दिनों में आराम न मिलता हो तो
तुरंत वैद्य या डॉक्टर की सलाह ले।
आहार
यह खाएं -ऐसे पदार्थ जिनमे vitamin D ज्यादा हो जैसे अंडा,चीज ,मशरुम आदि.,इनका
अपने भोजन में समावेश करे।
यह न खाएं -सलाद, ठन्डी चीजे,आइसक्रीम,ठंड पेय,केक,फ़ास्ट फूड दही
,चावल,घी,तैलीय पदार्थ जैसी चीजें न ले। सब्जियों में अरबी ,भिंडी आलू टमाटर न
खाए।
विहार
नियमित हल्का व्यायाम करें। पैदल चले।
शरीर को गर्म रखे।
शरीर का भार अनुपात में रखे।
भोजन के तुरंत बाद या दिन में न सोयें।
ठंडे पानी से स्नान , या ठन्डी जगहों पर वास न करे
किसी भी प्रकार की दवाई लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। आयुर्वेद के अनुभवी डॉक्टर से निशुल्क: परामर्श लें @ +91-9205773222