New York,Patients taking statin medications -- commonly used to reduce blood cholesterol levels -- are at a 41 per cent lower risk of in-hospital death from Covid-19, researchers have found.
Statins block liver enzymes responsible for making cholesterol. The US Centers for Disease Control and Prevention estimates that 93 per cent of patients who use a cholesterol-lowering drug use a statin.
The use of statins or an anti-hypertension medication was associated with a 32 per cent lower risk of death among Covid-19 inpatients with a history of cardiovascular disease or hypertension.
This is because statins and anti-hypertension medications stabilise the underlying diseases for which they are prescribed, making patients more likely to recover from Covid-19, according to researchers from the University of California San Diego.
In the study, published in the journal PLOS ONE, the research team analysed anonymised medical records of 10,541 patients admitted for Covid-19 over a nine-month period, January through September 2020, at 104 different hospitals in the US.
"From this data, we performed more advanced analyses as we attempted to control for coexisting medical conditions, socioeconomic status and hospital factors," said lead author Lori Daniels, Professor and director of the Cardiovascular Intensive Care Unit at the varsity's School of Medicine.
"In doing so, we confirmed our prior findings that statins are associated with a reduced risk of death from Covid-19 among patients hospitalised for Covid-19," Daniels added.
The ACE2 receptor -- the regulatory target of statins -- helps control blood pressure. In 2020, it was discovered that SARS-CoV-2 virus primarily uses the same receptor to enter lung cells.
"As with any observational study, we cannot say for certain that the associations we describe between statin use and reduced severity of Covid-19 infection are definitely due to the statins themselves; however, we can now say with very strong evidence that they may play a role in substantially lowering a patient's risk of death from Covid-19," said Daniels.
"We hope that our research findings are an incentive for patients to continue with their medication." (IANS)
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हिमालय टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट (Himalaya Tentex Forte Tablet) मूलतः पुरुषों में कामोत्तेजना बढ़ाने वाली दवा है जिसे देश की प्रसिद्ध आयुर्वेदिक कंपनी 'हिमालय' बनाती है. टेंटेक्स फोर्ट पुरुषों के लिए एक ऐसा सेक्स टैबलेट है जो यौन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है और लिंग के ऊतकों को मजबूत करता है. हिमालया टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट में प्राकृतिक तत्व होते हैं जिनमें टॉनिक और कामोद्दीपक गुण होते हैं, जो यौन इच्छा, यौन ड्राइव और प्रदर्शन को बढ़ाता है। टेंटेक्स फोर्ट पुरुषों के लिए है क्योंकि यह शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावी ढंग से बढ़ाता है और स्तंभन दोष ((नपुंसकता)) को रोकता है.
संक्षेप में हिमालय टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट में प्राकृतिक जड़ी - बूटियों और आयुर्वेदिक भस्म के समावेश से जो यौनत्तेजक गुण पाए जाते हैं उससे ये पुरुषों में कामोत्तेजना को बढ़ाता है और सम्भोग (सेक्स) के समय प्रदर्शन में सुधार लाकर ज्यादा संतुष्टि प्रदान करता है.
हिमालय टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट के फायदे - Himalaya Tentex Forte Tablet Benefits in Hindi
पुरुषों की कामेच्छा को बढ़ाकर यौन क्रिया में सुधार करता है
स्तंभन दोष (नपुंसकता) के उपचार में मदद करता है
लिंग के ऊतकों को मजबूत करने और यौन क्रिया को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है
टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार करने में मदद करता है
शुक्राणुओं की संख्या में सुधार और सेक्स ड्राइव को बढ़ाने में मदद कर सकता है
प्रजनन अंगों में रक्त संचार को सुगम बनाता है
हिमालय टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट अश्वगंधा और सफेद चेरी जैसे तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर और दिमाग को तनाव और चिंता से दूर करने में मदद करते हैं. इससे कामेच्छा और यौन प्रदर्शन में सुधार होता है.
हिमालय टेंटेक्स फोर्ट में मौजूद मकरध्वज में प्राकृतिक गुण होते हैं जो पुरुषों में समग्र शक्ति और प्रजनन दर में सुधार करने में मदद करता है.
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टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट का दुष्प्रभाव - Tentex Forte Tablet Side Effects
आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा टेंटेक्स फोर्ट की निर्धारित खुराक लेने से किसी तरह का दुष्प्रभाव शरीर पर नहीं पड़ता. लेकिन ओवरडोज लेने पर या एलर्जी आदि की वजह से नीचे दिए गए कुछ लक्षण दिख सकते हैं. ऐसे में आयुर्वेद चिकित्सक से तुरंत संपर्क करना चाहिए.
सरदर्द
अनिद्रा
तेज़ दिल की धड़कन
थकान
उच्च रक्तचाप
बहुत ज़्यादा पसीना आना
खट्टी डकार
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टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट में शामिल जड़ी-बूटियां / घटक द्रव्य : Tentex Forte Tablet Ingredients in Hindi
टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट में कई चमत्कारिक जड़ी-बूटियों का समावेश होता है जिसकी वजह से यह पुरुषों को कामेच्छा को बढ़ाने में मदद करती है. इनमें से कुछ प्रमुख तत्व इस प्रकार से हैं -
काउहेज या वेल्वेट बीन (Cowhage/Velvet Bean) - कापिकाचू एक कामोत्तेजक है, जो मस्तिष्क के 'आनंद प्रणाली' से जुड़े हार्मोन के उत्पादन को बढ़ावा देता है। यह जड़ी-बूटी ओलिगोस्पर्मिया (कम शुक्राणु गिनती) के लिए एक रोगनिरोधी (निवारक) है।
शिलाजीत (Shilaji) - यह एक एडाप्टोजन के रूप में कार्य करता है और यौन कार्य में सुधार करने के लिए शरीर को फिर से युवा बनाता है।
छोटे कैल्ट्रोप्स - गोक्षुरा स्तंभन दोष में फायदेमंद है क्योंकि यह लिंग ऊतक को मजबूत करती है। छोटे कैल्ट्रोप्स में पाए जाने वाले टेस्टोस्टेरोन के पूर्वघटक प्रोटोडियोस्कोन को शरीर में डिहाइड्रोपिएंपिएंट्रोटोन (डीएचईए) में परिवर्तित कर दिया जाता है, जो लिंग धमनियों के प्रवाह-मध्यस्थता वाले वासोडिलेशन में सुधार करता है।
विंटर चेरी या अश्वगंधा - अश्वगंधा एक शक्तिशाली एडाप्टोजन है, जो खराब यौन प्रदर्शन का एक प्रमुख योगदानकर्ता, मानसिक तनाव से राहत दिलाता है। यह एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है जो पुरुष यौन रोग को समाप्त करने में मदद करता है।
इसके अलावा इसमें त्रिवंग भस्म, मकरध्वज, कुमकुम, कुपिलु,अकरकरा,मरीचा,बला, शाल्मली आदि भी होते हैं
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टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट की खुराक - Tentex Forte Tablet Dose in Hindi
टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट की खुराक अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग हो सकती है . यह पूर्णरूपेण आपकी शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है. वैसे ज्यादातर मामलों में 4 से 6 सप्ताह के लिए दिन में दो बार 2 गोलियां लेने की सलाह दी जाती है. फिर बाद में 1 टैबलेट दिन में दो बार कर दिया जाता है. इस संबंध में आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह अवश्य ले लेना चाहिए. ओवरडोज से नुकसान हो सकता है. टैबलेट को नियमित रूप से खाने से ही फायदा होगा.
टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट से संबंधित सुरक्षा जानकारी ► Tentex Forte Tablet Safety Information in Hindi
टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट को सीधे गर्मी और धूप से दूर, कमरे के तापमान पर संग्रहित किया जाना चाहिए.
इसे तब तक फ्रीज नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि पैकेट पर इस बारे में लिखा न गया हो.
हिमालया टेंटेक्स फोर्ट को न धोएं और न ही इसे निपटान के लिए सिंक में डालें।
इसे पालतू जानवरों और बच्चों से दूर रखें.
दवा के पैकेट पर लिखे एक्सपायरी डेट को जरुर देखे और यदि दवा एक्सपायर हो गयी हो तो उसे न खाएं.
टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट की ऑनलाइन खरीद - Online Purchase of Tentex Forte Tablet
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टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट से संबंधित प्रश्न - Tentex Forte Tablet FAQs in Hindi
►क्या हिमालया टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट सुरक्षित है?
हां, हिमालया टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट सुरक्षित है. लेकिन इसे आयुर्वेद चिकित्सक की देख-रेख में ही लेना उचित होगा. ओवरडोज नुकसान पहुंचा सकता है. सावधानी जरुरी है. साथ ही खान-पान के माध्यम से शरीर का उचित पोषण भी जरुरी है ताकि शरीर किसी भी तरह के दुष्प्रभाव से बच सके.
►क्या टेंटेक्स फोर्ट को ज्यादा उम्र के पुरुष भी ले सकते हैं?
हाँ, टेंटेक्स फोर्ट को ज्यादा उम्र के लोग भी ले सकते हैं. टेंटेक्स फोर्ट शरीर और दिमाग को पुनर्जीवित करती है और युवा अवस्था जैसी एनर्जी देने की कोशिश करती है.
►क्या टेंटेक्स फोर्ट को बच्चों को दिया जा सकता है?
नहीं, टेंटेक्स फोर्ट को बच्चों को नहीं दिया जाता. यह दवा व्यस्क पुरुषों के लिए है.
►टेंटेक्स फोर्ट को कैसे लेना चाहिए?
टेंटेक्स फोर्ट की निर्धारित खुराक को गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए. खाना खाने के बाद इसे लेना श्रेयस्कर होगा. इस संबंध में आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए.
► टेंटेक्स फोर्ट की खुराक यदि कभी छूट जाए तो क्या करना चाहिए?
टेंटेक्स फोर्ट की खुराक नियमित रूप से लेना जरुरी होता है. लेकिन यदि कभी किसी कारणवश निर्धारित समय पर दवा लेना आप भूल जाएँ तो याद आते ही तुरंत दवा ले लें. हाँ अगर नयी खुराक का समय हो गया है तो फिर फिर पुरानी खुराक को छोड़ देना ही समझदारी होगा. लेकिन ऐसा नियमित रूप से होना टेंटेक्स फोर्ट के प्रभाव को कम कर सकता है.
►क्या हिमालया टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट में स्टेरॉयड होते हैं?
नहीं, हिमालया टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट एक आयुर्वेदिक दवा है और आयुर्वेदिक उत्पाद स्टेरॉयड का उपयोग नहीं करते हैं.
►क्या टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट लेते समय किसी विशेष आहार को लेने की आवश्यकता है?
नहीं. लेकिन बेहतर परिणाम के लिए संतुलित भोजन लेना श्रेयस्कर होगा.
►हिमालया टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट को खाने के पहले लेना चाहिए या खाने के बाद?
टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट को खाना खाने के बाद लेना ही श्रेयस्कर होगा. हालांकि, इसका सेवन कैसे और कब करना है, इस बारे में आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह ले लेना ज्यादा ठीक होगा.
►हिमालय टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट कैसे काम करता है?
हिमालय टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट में कामोत्तेजना बढाने वाले आयुर्वेदिक खनिज और प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ मौजूद रहती है जो पुरुषों में शक्ति का संचार कर कामेच्छा को बढ़ावा देती है.
►क्या टेंटेक्स रॉयल (Tentex Royal Capsules) और हिमालया टेंटेक्स फोर्ट टैबलेट को एक साथ लिया जा सकता है?
इन दवाओं को एक साथ तभी लिया जाना चाहिए जब यह किसी प्रमाणित चिकित्सक द्वारा सलाह दी गई हो।
►टेंटेक्स फोर्ट कैप्सूल क्या काम करता है?
Himalaya Tentex Forte टैबलेट एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है जो पुरुष यौन रोग को कम करने में मदद करता है।
►क्या टेंटेक्स रॉयल रोज ले सकते हैं?
सोने से एक घंटे पहले या चिकित्सक की सलाह के अनुसार प्रतिदिन 2 कैप्सूल लेने की सलाह दी जाती है ।
►मुझे टेंटेक्स फोर्ट कब तक लेना चाहिए?
टेंटेक्स फोर्ट का सेवन आयुर्वेद चिकित्सक की देख-रेख में ही करना चाहिए। वैसे इसका सेवन अधिक से अधिक 3 से 4 हफ्तों तक करना चाहिए।
संदर्भ - References
हिमालय वेलनेस कंपनी
अंग्रेजी में भी पढ़े ► Himalaya Tentex Forte Tablet: Benefits, Side Effects, Composition and Dosage
किसी भी प्रकार की दवाई लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। आयुर्वेद के अनुभवी डॉक्टर से निशुल्क: परामर्श लें @ +91-9205773222
मुंबई, दिन में दो बार बादाम खाने से ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में सुधार के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है। ये जानकारी एक अध्ययन से सामने आई है।
अध्ययन से पता चला है कि बादाम का सेवन मधुमेह के पूर्व चरण में ब्लड शुगर के स्तर में सुधार कर सकता है, जो मधुमेह के विकास को रोकने या देरी करने में मदद कर सकता है।
इसके अलावा, बादाम के सेवन से कुल कोलेस्ट्रॉल और ऐसबैड एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रण समूह की तुलना में काफी कम कर दिया, जबकि अच्छा एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखा गया।
मुंबई में सर विथाल्डिस ठाकरसे कॉलेज ऑफ होम साइंस में प्रोफेसर और प्रिंसिपल जगमीत मदन ने कहा किशोरावस्था और युवा वयस्कों पर लक्षित बेहतर पोषण और व्यायाम सहित जीवनशैली में बदलाव में प्रीडायबिटीज से टाइप -2 मधुमेह की प्रगति को रोकने की क्षमता है। इस अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि परिवर्तन एक प्रमुख नहीं है, बस एक बादाम के दो बार के नाश्ते से फर्क पड़ सकता है।
मदन ने कहा, अध्ययन के परिणाम यह दिखाने में बहुत आशाजनक हैं कि कैसे बादाम ने कुल और एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार किया और एचबीए 1 सी के स्तर को केवल 12 सप्ताह में कम कर दिया।
अध्ययन के लिए, टीम में बिगड़ा हुआ ग्लूकोज चयापचय (प्रीडायबिटीज) के साथ 275 प्रतिभागियों (59 पुरुष, 216 महिला) को शामिल किया गया था।
बादाम समूह ने तीन महीने तक हर दिन 56 ग्राम (लगभग 2 औंस सविर्ंग्स, या लगभग 340 कैलोरी) बिना भुना हुआ बादाम खाया और नियंत्रण समूह ने पूरे गेहूं के आटे, बेसन, नमक और भारतीय मसालों का उपयोग करके कैलोरी की समान संख्या के साथ एक स्वादिष्ट नाश्ता खाया।
प्रतिभागियों के कुल कैलोरी सेवन में बादाम और नमकीन दोनों तरह के स्नैक्स का हिस्सा लगभग 20 प्रतिशत था।
बादाम समूह में, एचूबीए 1 सी - दीर्घकालिक ब्लड शुगर नियंत्रण का एक उपाय जो कि
प्रीडायबिटीज और मधुमेह के लिए क्लीनिकल मानदंड के रूप में भी कार्य करता है - नियंत्रण समूह की तुलना में काफी कम हो गया। नियंत्रण समूह की तुलना में बादाम समूह में उपवास ब्लड शुगर में कमी थी, लेकिन सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण नहीं थी। (आईएएनएश)
आयुर्वेद भारत में प्राचीन काल से चली आ रही चिकित्सा प्रणाली है जिसका उद्देश्य स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य को ठीक रखना और बीमार व्यक्ति की चिकित्सा करना है। यह एक अच्छी जीवनशैली के माध्यम से व्यक्ति के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को ठीक करने की शिक्षा देता है। आज कल के समय में बहुत से रोग हमारी बिगडी जीवन शैली का ही परिणाम हैं जिनमे से एक ह्रदय रोग भी हैं। इन्ही ह्र्दय रोगो में एरिथमिया भी शामिल है। तो आइये समझते हैं क्या है एरिथमिया और इस पर किस तरह काबू पाया जा सकता है।
विषय - सूची
• एरिथमिया क्या है? - What is Arrhythmia in Hindi?
• एरिथमिया के कारण - Causes of Arrhythmia in Hindi
• एरिथमिया के लक्षण - Symptoms of Arrhythmia in Hindi
• एरिथमिया का निदान - Diagnosis of Arrhythmia in Hindi
• एरिथमिया के सामान्य उपाय - Common Remedies for Arrhythmia in Hindi
• क्या खाएं और किससे बचें - What to Eat and What to Avoid in Hindi?
• अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न - Frequently Asked Question in Hindi
क्या है एरिथमिया? - What is Arrhythmia in Hindi?
एरिथमिया का सामान्य अर्थ है कि ह्रदय अपनी सामान्य गति से नहीं धडक रहा। दिल की धडकन का अनियमित हो जाना एरिथमिया कहलाता है। आयुर्वेद में इसे असामान्य ह्रदय गति बोला गया है। जब ह्रदय अपनी सामान्य गति या ताल से कार्य नहीं करता तो यह समस्या आती है। हमारी सामान्य ह्रदय गति 50 से 100 बीट प्रति मिनट है। एरिथमिया की समस्या में यह घट या बढ जाती है। आम तौर पर यह किसी ह्रदय रोग की तरफ इशारा करती है।
एरिथमिया के कारण - Causes of Arrhythmia in Hindi
आयुर्वेद में एरिथमिया को दोषों के अनुसार विभाजित किया गया है। वात दोश असंतुलित होने पर अनियमित हो सकता है, अतः इसके बढने पर हमारी ह्रदय गति भी अनियमित हो जाती है। पित्त दोष की गति तेज़ होती है, इसीलिये इसके बढने पर ह्रदय गति अधिक हो जाती है। कफ दोष स्वभाव से ही मंद होने के कारण धीमी ह्रदय गति के लिये उत्तरदायी है।
हमारी खराब जीवन शैली और गलत खान-पान के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है। आम उत्पन्न हो कर ह्रदय को दूशित करता है तथा दोषों के अंसतुलन से ह्रदय गति भी असन्तुलित हो जाती है। इसके अलावा निम्न कारणो से भी यह रोग हो सकता है:
• मोटापा
• सिगरेट पीना
• उच्च रक्तचाप
• फेफडो से सम्बंधित रोग
• कोरोनरी हार्ट डिसीज़
• डायबिटीज़
• इलेक्ट्रोलाइट का असंतुलन
• इंफेक्शन या बुखार
• शारीरिक या मानसिक तनाव
• अन्य रोह जैसे थायरॉयड या एनीमिया
• कुछ दवाएँ जैसे एम्फीटामाइंस और बीटा ब्लॉकर्स आदि का सेवन
एरिथमिया के लक्षण - Symptoms of Arrhythmia in Hindi
एरिथमिया का मुख्य लक्षण है ह्रदय की ताल गति का असामान्य होना। यह तेज़ या धीमी हो सकती है. यदि यह तेज़ होती है तो इसे टैकीकार्डिया और धीमी हो तो ब्रैडीकार्डिया कहलाता है। व्यान वायु(वात दोश का एक प्रकार) ह्रदय की सभी गतिविधियो का नियंत्रण करती है, व्यान वायु के सामान्य कार्य में बाधा आने से ह्रदय गति असामान्य हो जाती है। यह पित्त के साथ मिल कर टैकीकार्डिया और कफ के साथ मिल कर ब्रैडीकार्डिया को उत्पन्न करती है। इसके अलावा इसमे निम्न लक्षण मिलते हैं:
• सांस फूलना
• सीने में दर्द
• असामान्य नाडी चाप
• घबराहट होना
• त्वचा का पीला पड जाना
• अत्यधिक पसीना आना
• चक्कर आना
एरिथमिया का निदान - Diagnosis of Arrhythmia in Hindi
आमतौर पर व्यायाम करने या दौड-भाग करने के बाद ह्रदय गति असामान्य हो जाती है जो कि कुछ ही देर में अपनी सामान्य लय में आ जाती है। लेकिन यदि आपकी ह्रदय गति कुछ सेकेंडो से ज़्यादा समय तक असामान्य रहती है तो आपको डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता है। इसका निदान लक्षण देख कर, इतिहास इतिवृत्त तथा कुछ जांचो जैसे ईसीजी, ईकोकार्डियोग्राम, स्ट्रेस टेस्ट आदि के आधार पर किया जाता है।
एरिथमिया के सामान्य उपाय - Common Remedies for Arrhythmia in Hindi
आयुर्वेद में ह्रदय को एक महत्वपूर्ण अंग माना गया है। यह त्रिमर्मो में से एक मर्म है, अतः ह्रदय को आघात लगने पर यह बहुत सी जटिलताएँ पैदा कर सकता है बल्कि व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इसलिये ह्रदय के स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। एरिथमिया से बचाव के लिये निम्न उपाय अपनाये जा सकते हैं:
• वात दोष को संतुलित करने के लिये तैल में बने हल्के भारी भोजन को वरीयता देँ। लहसुन, मछली, तैल आदि को नियमित रूप से डाइट में ले। मेडिटेशन और बैठ कर किये जाने वाले योग आसन करेँ। अश्वगंधा को दूध के साथ ले सकते हैं। यह हृदय को बल देता है। वात दोष को ठीक करने के लिये अर्जुन, अश्वगंधा, गुग्गुल, लहसुन, मुलेठी आदि का प्रयोग किया जा सकता है।
• पित्त दोष को संतुलित करने के लिये अधिक गर्म खाने, तेज़ मिर्च-मसाले, मांस, अत्यधिक नमक आदि का सेवन न करेँ। खाने में घी का सेवन करेँ। अधिक धूप, अधिक व्यायाम, बहुत अधिक शारीरिक कार्य करने से भी परहेज़ करेँ। केसर, अर्जुन, शतावरी, एलोवेरा आदि जडी-बूटियाँ लाभकारी हैं। मुलेठी, ब्राह्मी या अर्जुन की बनी दवाओ का सेवन कर सकते हैं।
• कफ दोष को संतुलित करने के लिये तैलीय, भारी भोजन, अधिक नमक, अत्यधिक मीठा त्याग देँ। हल्का सुपाच्य भोजन लेँ। अर्जुन, इलायची, दालचीनी, गुग्गुल, त्रिकटु का सेवन लाभदायक है।
• अर्जुन: आयुर्वेद में अर्जुन को कार्डियो-टॉनिक बताया गया है। एक चम्मच अर्जुन को एक गिलास दूश में पका कर आधा रह जाने पर छान कर सेवन कर सकते हैं।
• इसके अलावा तनाव के लिये योगा आसन तथा मेडिटेशन का बहुत महत्व है। हल्का-फुल्का व्यायाम भी नियमित रूप से करेँ।
क्या खाएं और किससे बचें - What to Eat and What to Avoid in Hindi?
आपने भी यह कहावत सुनी होगी कि जैसा खाये अन्न, वैसा बने मन। आपको जान कर हैरानी होगी कि आयुर्वेद में मन का स्थान हृदय बताया गया है। वैसे भी हम जो भी खाते हैं उसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पडता है। तो आज से ही अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिये अपने भोजन में निम्न कुछ बातो का ध्यान रखेँ:
• पचने में हल्का, घर के बने ताज़ा भोजन का सेवन करेँ।
• भोजन में हाई-फाइबर चीजे लेँ जैसे जौ, साबुत अनाज तथा दलिया आदि।
• खट्टे फल ह्रदय के लिये अच्छे होते हैं जैसे बेर, नीम्बू, अनार, मौसमी आदि। इन्हे नियमित रूप से अपनी डाइट में शामिल करेँ।
• खाने में फल-सब्ज़ियो की मात्रा अधिक रखेँ क्योंकि यह पचने में आसान होती हैं।
• अधिक तला-भुना और मसालेदार भोजन करने से परहेज़ करेँ।
• सिगरेट, शराब, चाय-कॉफी आदि से दूर रहेँ।
• अधिक नमक न खायेँ।
• अधिक मीठा, प्रोसेस्ड फूड, प्रोसेस्ड मीट और रिफांइड चीज़े न खाये।
अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न - Frequently Asked Question in Hindi
प्र. एरिथमिया के लिए सबसे अच्छा इलाज क्या है?
उ. एरिथमिया के इलाज के लिये दवाओ के अलावा पेसमेकर, कार्डियोवर्ज़न, कैथेटर अब्लेशन आदि तकनीके अपनायी जाती हैं। हालांकि इसके साथ ही जीवनशैली में परिवर्तन ज़रूरी है जिससे आपका रक्तचाप, कॉलेस्ट्रॉल, वज़न आदि संतुलित रहेँ।
एरिथमिया के लिए प्राकृतिक उपचार
प्राकृतिक रूप से इस समस्या को दूर करने के लिये आप आयुर्वेद में बताये गये योग, सद्वृत्त और आचार रसायन का पालन कर सकते हैं। अर्थात अपनी क्षमता के अनुसार व्यायाम, योग, चिंता से दूर रहना, अच्छे आचरण तथा सामान्य जीवनशैली को अपनाना आदि आपके ह्रदय के स्वास्थ्य को बनाये रखने में मदद करेंगे। ऐसे कारणो से दूर रहेँ जो आपकी इस समस्या को बढा देते हो जैसे- चाय. सिगरेट, शराब का सेवन। पर्याप्त मात्रा में पानी पियेँ। अपने इलेक्ट्रोलाइट बैलेन्स का ध्यान रखे।
एरिथमिया के लिए जड़ी बूटी
आयुर्वेद में एरिथमिया के लिये विभिन्न जडी-बूटियो का वर्णन है जैसे अर्जुन, अश्वगंधा, पुनर्नवा, शंखपुष्पी, ब्राह्मी, पीपल त्वक इत्यादि। यह ह्रदय को प्राकृतिक रूप से बल देती हैं तथा मज़बूत बनाती हैं।
एरिथमिया के लिए विटामिन
एरिथमिया में ऑक्सिडेटिव स्ट्रैस बहुत बड़ा रोल निभाता है। इसको कम करने के लिये एंटी-ऑक्सीडेंट देना फायदेमंद रहता है। विभिन्न शोधो के अनुसार विटामिन सी और विटामिन ई इसके रिस्क को कम कर सकते हैं। अतः आप भी विभिन्न खाद्य पदार्थो के द्वारा इनका सेवन करेँ और अपने ह्रदय को स्वस्थ बनाऐ रखेँ।
New York, May 28 (IANS) People with genetic high cholesterol, heart disease or both, and infected with Covid-19 can be more at risk of heart attacks, according to new research.Familial hypercholesterolemia (FH) is a common genetic condition that increases an individual's risk for cardiovascular disease by up to 20-fold due to lifelong elevated low density lipoprotein cholesterol (LDL-C) levels.The study, published in the American Journal of Preventive Cardiology, also confirms that Covid-19 increases heart attack rates in individuals with established atherosclerotic cardiovascular disease (ASCVD)."Probable FH" individuals with pre-existing ASCVD who contracted Covid had heart attacks at a seven-times greater annual rate than their counterparts who did not contract the virus, the researchers said."This study is a call to action to diagnose individuals with this deadly genetic condition who are hiding in plain sight within our healthcare system, and take particular precautions related to Covid-19 infections. FH is an untapped opportunity for heart disease prevention," said Mary McGowan, chief medical officer for the FH Foundation.For the study, the team performed an analysis of 55,412,462 individuals, separating groups into six matched cohorts including diagnosed FH, probable FH, and ASCVD, with and without Covid-19 infection.The researchers found that rates of heart attacks were highest in those with a Covid-19 diagnosis and the presence of diagnosed FH or probable FH with known ASCVD."These results are significant because these data underscore the importance of understanding if individuals have underlying cardiovascular disease or genetic high cholesterol when treating for Covid-19 infection or considering vaccination," said Kelly Myers, chief technology officer of the FH Foundation.--IANSrvt/sdr/
New Delhi, May 25 (IANS) Taking natural antioxidants may help keep sugar level in control and manage cholesterol -- risk factors for getting severely ill from Covid-19--, say health experts.Diabetic patients' risk of contracting the virus is not higher but they can have severe complications.It is because in diabetic patients the immune system is already compromised, which makes it easier for viruses to thrive in the body amidst high blood glucose levels. The risk exists for people suffering from both Type-1 and Type-2 diabetes.Gamma-oryzanol, a mixture of antioxidant compounds in the bran's oil fraction, is also scientifically proven to play a role in reducing sugar and blood cholesterol levels, among other health-promoting benefits."It is important to keep sugar levels in control through medication, diet and lifestyle modification. Gamma Oryzanol is a natural antioxidant present in rice bran. Gamma-oryzanol is useful for controlling elevated sugar levels along with this it is also known to boost metabolic rate," said Charu Dua, Head of Department, Nutrition and Dietetics at Max Super Specialty Hospital, New Delhi, in a statement.Covid also affects people with heart and its related problems more. The biggest risk factor of heart diseases is unhealthy cholesterol levels. So, it is important to keep a track of your lipid profile and maintain healthy cholesterol levels.Gamma oryzanol contains properties that lowers bad cholesterol and increases the concentration of good cholesterol, the doctors said."For good heart health, keeping high cholesterol levels in check is really important. Gamma oryzanol also helps in preventing heart attack by preventing platelet aggregation, So maintaining healthy cholesterol levels during Covid times is important," said Praveen Chandra, Head of Department, Interventional Cardiology, Medanta-The Medicity, Gurugram.Gamma-Oryzanol was recently recognised as a nutraceutical and a natural antioxidant to reduce high blood cholesterol by the Food Safety and Standards Authority of India.--IANSrvt/sdr/
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