By NS Desk | 25-Feb-2020
नई दिल्ली, 25 फरवरी | नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी व समर्थक लोगों के बीच झड़प से घायलों के दिलशाद गार्डन में जीटीबी अस्पताल पहुंचने से मरीजों की दिक्कतें बढ़ी हैं।
अशोक नगर के नत्थू कॉलोनी इलाके में रहने वाले 48 वर्षीय सुनील कुमार तिवारी ने कहा कि उन्हें अपने संबंधी का शव घर ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि पूर्वी दिल्ली में झड़प के पीड़ितों को लाने की वजह से वाहनों की कमी है।
उन्होंने कहा, "मैं अपने संबंधी का शव घर ले जाने के लिए सुबह से एंबुलेंस का इंतजार कर रहा है, जिनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। जब मैंने अस्पताल के कर्मियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि हिसा प्रभावित इलाकों से बड़ी संख्या में मरीजों के आने के कारण एंबुलेंस की कमी है।"
उन्होंने कहा कि शव को घर भेजने की सुविधा देना अस्पताल की जिम्मेदारी है।
तिवारी ने शव को घर ले जाने के लिए ई-रिक्शा लेने की कोशिश की, लेकिन इसमें शव को रखने में परेशानी आ रही थी। आखिरकार उन्होंने शव को ले जाने के लिए निजी वैन किराए पर ली। (स्फूर्ति मिश्रा की रिपोर्ट)
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