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दिल्ली विश्वविद्यालय में आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी की पढ़ाई के मार्ग की बाधा ख़त्म , सर्वसम्मति से पास हुआ सिलेबस

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By NS Desk | 20-Feb-2019

दिल्ली विश्वविद्यालय में आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी की पढ़ाई का रास्ता साफ हो गया है। शनिवार को डीयू की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की आपात बैठक आयोजित हुई। इसमें आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी के सिलेबस का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।

डीयू एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य व प्रोफेसर राजेश झा के मुताबिक, आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी के सिलेबस का प्रस्ताव रखा गया था, जोकि पास हो गया। अकादमिक काउंसिल में प्रस्ताव पहले ही पास था, इसलिए ईसी में प्रस्ताव पास होने के चलते अब तीनों कोर्स का रुका हुआ रिजल्ट जारी हो जाएगा।

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प्रो. झा के मुताबिक, डीयू के नेहरू होम्योपेथी और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद कॉलेज में 2016-17 में एमडी की पढ़ाई की मंजूरी मिली थी। अकादमिक काउंसिल में प्रस्ताव शुरू होने के चलते पढ़ाई शुरू हो गई थी। इसके बाद वार्षिक परीक्षा भी आयोजित हुई, लेकिन ईसी में सिलेबस पास न होने के चलते रिजल्ट रुक गया था। दो साल से मामला लटका पड़ा था, जिसे ईसी की आपात बैठक में पास किया गया है।

प्रो. झा के मुताबिक, ईसी की बैठक में हमने काउंसिल अध्यक्ष से दो साल तक मामला लटकाने की देरी की जांच के लिए कमेटी गठित करने की मांग रखी। हालांकि अध्यक्ष ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। बैठक के दौरान अध्यक्ष से नेहरू होम्योपैथी मामले में अदालत में विश्वविद्यालय प्रशासन ने क्या जवाब दिया था, उसे सार्वजनिक करने की मांग रखी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, जबकि ईसी की आपात बैठक अदालत के निर्देश के चलते आयोजित हुई है। ईसी के सदस्यों का कहना है कि बैठक के दौरान विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में विभागावार आरक्षण मामले पर बात रखने की मांग रखी, लेकिन इसे भी अनसुना कर दिया गया।

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(अमर उजाला से साभार)

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डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।