By NS Desk | 03-Jan-2019
योग और आयुर्वेद के बाद पतंजलि ने संस्कृत को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया है. इसलिए पंतजलि योगपीठ संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगी ताकि संस्कृत भाषा का गौरव वापस पाया जा सके. पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि संस्कृत के विकास का काम बहुत जरूरी है. हमारा अधिकांश ज्ञान संस्कृत ग्रंथों में निहित है. संस्कृत भाषा के ज्ञान के बगैर प्राचीन ग्रंथों से कुछ खोजा नहीं जा सकता. इस संबंध में केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय के साथ गहन वार्ता की गई है. केंद्र सरकार भी चाहती है कि संस्कृत को उसकी प्राचीन ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाए. आचार्य ने कहा कि देश में अनेक संस्कृत विश्वविद्यालय और महाविद्यालय हैं, इसके बावजूद संस्कृत को उसका मुकाम हासिल नहीं हो पाया है.