भारत में योग और आयुर्वेद का पर्याय बन चुके बाबा रामदेव की कंपनी 'पातंजली' ने आयुर्वेद अनुसंधान और विज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चीन की एक फर्म के साथ करार किया है. ये समझौता पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और एडमिनिस्ट्रेटिव कमिटी ऑफ नंदगाव इंडस्ट्रियल पार्क के बीच हुआ.
पतंजलि के चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण ने अपने फेसबुक पेज पर समझौते के संबंध में जानकारी साझा करते हुए लिखा - "भारत और भारतीय संस्कृति के लिए गौरव का क्षण, चीन के हबेई प्रोविंस के नंदगांव में एडमिनिस्ट्रेटिव कमिटी ऑफ नंदगाव इंडस्ट्रियल पार्क व पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, भारत व दो अन्य संस्थाओं के बीच mou पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत यहां की सरकार ने भारत की हर तरह की कला, संस्कृति, परंपरा, योग, आयुर्वेद अनुसंधान, जड़ी-बूटी अन्वेषण, योग- केंद्र , टूरिज्म, आईटी ,शिक्षा, मीडिया आदि गतिविधियों के लिए कार्य करने के लिए स्वीकृति दी और सभी संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया".
आचार्य बालकृष्ण ने mou साइन होने के बाद कहा, भारतीय संस्कृति, योग, आयुर्वेद और चिकित्सा को हम अब चीन में ला सकते हैं. इसके जरिए हम पूरी दुनिया को लाभ पहुंचा सकते हैं. चीन सरकार के सहयोग और उनकी भावनाओं के लिए मैं उनका धन्यवाद. उन्होंने भारतीय कंपनियों को भी चीन के नंदगांव में आने का न्योता दिया. आचार्य बालकृष्ण ने कहा, वासुधेव कुटुंबकम की भावना से सभी का स्वागत किया जाएगा और सभी को सहयोग दिया जाएगा.
गौरतलब है कि आयुर्वेद, योग और अनुसंधान को लेकर भारत और चीन के बीच इस तरह का पहला समझौता है.