By NS Desk | 19-Mar-2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनावायरस पर गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित किया। मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरा विश्व इस समय संकट में फंसा है। आमतौर पर जब कभी प्राकृतिक संकट आता है तो वह कुछ देशों में आता है। इस बार ऐसा संकट है जिसने विश्व भर में पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, "जब प्रथम, द्वितीय विश्व युद्ध हुआ तब भी इतने देश युद्ध से प्रभावित नहीं हुए थे, जितने आज कोरोना से हुए हैं। पिछले दो महीने से हम निरंतर दुनिया भर से आ रहे कोरोना वायरस से जुडी चिंताजनक खबरें देख और सुन रहे हैं। इन दोनों महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है। सभी देशवासियों को आवश्यक सावधानियां बरतने का भरसक प्रयास भी किया है। लेकिन बीते कुछ दिनों से ऐसा माहौल बन रहा है, ऐसा लग रहा है कि जैसे हम संकट से बचे हुए हैं।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "ऐसा लगता है वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की यह सोच सही नहीं है। इसलिए प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है। साथियों आपसे जब भी मैने जो भी मांगा मुझे कभी भी देशवासियों ने निराश नहीं किया। ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हम सब मिलकर अपने निर्धारित लक्ष्यों की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। प्रयास सफल भी हो रहे हैं।"
पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं आप सभी देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं। मोदी ने कहा, "मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए। आपका आने वाला कुछ समय चाहिए। प्यारे देशवासियों अभी तक विज्ञान कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ निश्चित उपाय नहीं सोच पाया है। न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में हर किसी को चिंता बढ़नी स्वाभाविक है।"
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अध्ययन में बात सामने आई है कि इन देशों में शुरूआती कुछ दिनों में बीमारी का विस्फोट हुआ है। कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ी है। भारत सरकार इस स्थिति पर इस ट्रैक रिकॉर्ड पर नजर रखे हुए है।
प्रधानमंत्री की अपील : जरूरी सामानों का संग्रह न करें, इसकी कमी नहीं होगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ा है। इस कारण लोगों से यह अपील की जाती है कि वे आवश्यक चीजों की जमाखोरी न करें क्योंकि किसी भी चीज की कमी नहीं होने दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम सम्बोधन में कहा, " कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने कोविड-19 टॉस्क फोर्स गठित करने का फैसला किया है। आर्थिक मामलों की हर परिस्थिति का आंकलन करते हुए फैसले लेगी। यह टॉस्क फोर्स यह भी सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं उस पर अमल हो।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महामारी ने देश के गरीबों, निम्न मध्यम और मध्यम वर्ग को गहरी क्षति पहुंचाई। मोदी बोले, "व्यापारी वर्ग और उच्च आय वर्ग से आग्रह है कि जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हों, उनके आर्थिक हितों को ध्यान में रखें। हो सकता है कि आने वाले कुछ दिनों में आपके घर, दफ्तर न आ पाएं, उनका वेतन न काटें। फैसला लें। हमेशा याद रखिएगा कि अपने परिवार को बीमारी से बचाना है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि खाने-पीने का सामान और दवाओं का कमी न हो, इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "मेरा सभी से आग्रह कि जरूरी सामान संग्रह करने की होड न करें। क्योंकि ऐसे सामानों की कमी नहीं होने दी जाएगी।"
वित्तमंत्री की अगुवाई में होगा कोविड-19 टास्क फोर्स का गठन : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वित्तमंत्री के नेतृत्व में एक कोविड-19 इकोनोमिक रिस्पांस टास्क फोर्स का गठन करने का फैसला लिया है।
मोदी ने कहा, "कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वित्तमंत्री के नेतृत्व में एक कोविड-19 इकोनोमिक रिस्पांस टास्क फोर्स का गठन करने का फैसला लिया है।"
उन्होंने कहा कि यह टास्क फोर्स सभी हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स)के संपर्क में रहकर उनका फीडबैक लेते हुए हर परिस्थिति का आकलन करते हुए निकट भविष्य में फैसले लेगी। यह टास्क फोर्स यह भी सुनिश्चित करेगी की आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं उन पर प्रभावी रूप से अमल हो।
मोदी ने कारोबार से जुड़े लोगों से अपील की है कि कोरोना महामारी के कारण दफ्तर नहीं आने वाले कर्मचारियों का वे वेतन न काटें।
उन्होंने कहा, "संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी-जगत और उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें। हो सकता है आने वाले कुछ दिनों में ये लोग दफ्तर न आ पाएं, ऐसे में उनका वेतन न काटें। "
प्रधानमंत्री ने कारोबारियों और उच्च आय वर्ग के लोगों से संकट की इस घड़ी में पूरी मानवता और संवेदनशीलता से फैसला लेने की अपील की। उन्होंने कारोबारियों से कहा, "हमेशा याद रखिएगा कि उन्हें (कर्मचारियों) भी अपना परिवार चलाना है अपने परिवार को बीमारी से बचाना है।"
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पूरी दुनिया में आर्थिक गतिविधियां चरमरा गई हैं, जिससे वैश्विक बाजार में मंदी का माहौल बना हुआ है और इसका भारतीय बाजार पर भी असर पड़ा है।