कोरोनावायरस के काल में आज सबसे ज्यादा इम्युनिटी की चर्चा हो रही है और इम्युनिटी की जहाँ बात आती है , वहां आयुर्वेद की चर्चा लाजमी ही है. वैसे आयुर्वेद हरेक हिन्दुस्तानी के जीवन में रचा बसा है. आम आदमी से लेकर ख़ास सभी जाने-अनजाने आयुर्वेदिक् उपायों को अपनी रोजमर्र्रा के जीवन में अपनाते ही है. इसी विषय पर प्रख्यात गायक, साहित्यकार और आईएएस (IAS) अधिकारी नीतीश्वर कुमार निरोगस्ट्रीट के फेसबुक प्लेटफॉर्म ( https://www.facebook.com/NirogStreet/ ) पर अपनी बात रखेंगे और आयुर्वेद को लेकर अपने अनुभवों को शेयर करेंगे.
नीतीश्वर कुमार का परिचय :
नीतीश्वर कुमार वैसे तो आईएएस (IAS) अधिकारी हैं लेकिन रचनात्मकता उनके बहुआयामी व्यक्तित्व का एक अहम पहलू है. कवि, कहानीकार, गीतकार और गायकी को लेकर उनकी अपनी एक विशिष्ट पहचान है. पिछले वर्ष उनकी कविता की किताब 'कह दो ना' नाम से आयी जो अमेजन के बेस्ट सेलर की सूची में भी शामिल हुई.
वे मूलतः बिहार के बेतिया जिले से आते हैं. गीत संगीत में रूचि बचपन से ही थी और किताबों की दुनिया के साथ साथ ये दुनिया भी चलती रही।
ग्रेजुएशन और पोस्ट- ग्रेजुएशन करने दिल्ली आये. अर्थशास्त्र विषय चुना लेकिन कविता और संगीत में जीवन का अर्थ हमेशा तलाशते रहे।
1996 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुने गए और एक क्षमतावान अधिकारी के तौर पर अपनी पहचान बनाई. कहीं भी रहे हों कविता, गीत संगीत का एक नया दौर, एक सिलसिला चलता रहा.
स्वयं भी मानते हैं कि आईएएस बनना तो मेहनत, सही रणनीति और संयोग से संभव है लेकिन कविता तो बस, बरबस ही फूटती है।
उनकी रचनाओं में आपको कविता का ये रूहानी रूप जगह जगह दिखेगा।
कवि और प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ साथ नीतीश्वर कुमार अपनी ज़मीन, अपने परिवार से भी बहुत गहराई से जुड़े हैं।