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आयुर्वेद थेरेपी सीखने इटली से आए गेब्रियलो और लुटोविको

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By NS Desk | 07-Jan-2019

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति और थेरेपी की लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। भारतीय लोगों के अलावा विदेशी भी इसमें खासी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसी कड़ी में हाल ही में आयुर्वेदिक मसाज की बारीकियां को जानने इटली से बाप-बेटे गेब्रियलो और लुटोविको भिलाई आए। गेब्रियलों हालांकि कई साल से इटली व ताइवान में आयुर्वेदिक मसाज से लोगों का उपचार कर रहे हैं। अपने बेटे को वह उसकी बारीकियों से रूबरू कराना चाहते हैं।

20 साल पहले गेब्रियलों ने भिलाई के डॉ. मुकेश डी जैन से ही मसाज का टिप्स लिए थे। फिर वहां पहला मसाज सेंटर खोला था, इसलिए बेटे को उसकी बारीकियों से परिचित कराने के लिए आए हैं। संजीवनी वेलनेस सेंटर भिलाई में इटली से आए चिकित्सक गेब्रियलों के बेटे लुटोविको डॉ. जैन के मार्गदर्शन में मसाज की तकनीक और बारीकियों को सीख रहे हैं।

इंटरनेशनल मसाज ट्रेनर गेब्रियलो के अनुसार एलोपैथी में पर्टिकुलर बीमारी ठीक होती है, लेकिन आयुर्वेद में पूरा का पूरा शरीर ठीक हो जाता है। आयुर्वेद में मरीज की बीमारी ही ठीक नहीं होती, बल्कि उसके बात व्यवहार, रहन-सहन में भी परिवर्तन हो जाता है। यूरोप, चाइना, ताइवान तथा अन्य विकसित देशों में आज लोग इलाज की अन्य पद्धतियों की तुलना में आयुर्वेद में ज्यादा भरोसा करने लगे हैं।

20 साल बाद इटली से भिलाई पहुंचे गेब्रियलो की माने तो आयुर्वेद ने उनके पूरे परिवार की जिंदगी बदल दी है। इटली के सेंटर पर वह प्रतिदिन 20 से 30 लोगों का तो उपचार करते ही हैं। ताइवान में उन्होंने आयुर्वेदिक मसाज सिखाने का एक इंटरनेशनल स्कूल भी खोल लिया है। चूंकि यूरोप में अब आयुर्वेद में ही इलाज की अन्य पद्धतियों से ज्यादा स्कोप हो गया है, इसलिए अपने बेटे को उसी में पारंगत करना चाह रहे हैं।

(दैनिक भास्कर अखबार से साभार) 

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।