• Home
  • Blogs
  • NirogStreet Newsबड़ों की तुलना में बच्चों में गाते और बोलते समय कम श्वास कणों का प्रवाह

बड़ों की तुलना में बच्चों में गाते और बोलते समय कम श्वास कणों का प्रवाह

User

By NS Desk | 01-Mar-2022

Fewer respiratory particles flow when singing and speaking in children than in adults

लंदन: वैज्ञानिक शोध में पता चला है कि बड़ों की तुलना में बच्चे गाते, बोलते और सांस छोड़ते समय एक चौथाई कम एयरोसोल वायु में प्रवाहित करते हैं।

सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह शोध जर्नल ऑफ रॉयल सोसायटी इंटरफेस में प्रकाशित हुआ है और इससे स्कूलों में जोखिम प्रबंधन में निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

इस शोध में जर्मनी के शोधकर्ताओं ने 15 बच्चों और 15 व्यस्कों की बोलते , गाते और सांस छोड़ने की दर मापी और इस दौरान निकलने वाले सूक्ष्म अणुओं यानि एयरोसोल्स की सीमा का पता लगाया। इसमें पाया गया है कि बच्चों में इनकी रफ्तार और मात्रा व्यस्कों की तुलना में काफी कम पाई गई थी।

उन्होंने बताया कि इस अध्ययन से एक बात साबित होती है कि स्कूल संबंधी कोई भी श्वास नीति बनाते समय इन मानकों का ध्यान रखना होगा क्योंकि कोई भी मानक बच्चों बौर व्यस्कों पर समान रूप से लागू नहीं किया जा सकता है।

इसका एक कारण यह भी है कि बच्चों के फेंफड़े,श्वास नलिका और अन्य श्वसन अंग व्यस्कों की तुलना में काफी छोटे होते हेैं और यही कारण है कि बच्चों में बड़ों की तुलना में वायरल लोड बहुत कम होता है।

एक और बात यह भी साबित हुई है कि ऐसे बच्चे कम एयरोसोल्स वायु में प्रवाहित करते हैं और उनके संपर्क में आने वाले लोग अधिक बीमार नहीं होते हैं। (एजेंसी)
यह भी पढ़े► परिवार में किसी को मुंह का कैंसर रहा है तो रहिए सावधान !

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।