By NS Desk | 16-Jan-2019
भारत के आयुर्वेद के ज्ञान से दुनियाभर के चिकित्सक खासे प्रभावित हैं और इसपर रिसर्च करने के लिए समय-समय पर आते रहते हैं. इसी कड़ी में नया नाम है निकोल विल्करसन (nicole wilkerson). 47 वर्षीय डॉ. निकोल विल्करसन चिकित्सक हैं और अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में वर्षों से प्रैक्टिस कर रही हैं. हाल में आयुर्वेद ज्ञान की चाहत में वे भारत आयी थी. उनके साथ उनके 10 मरीज भी आए थे. वे विशाखापत्तनम के चिकित्सक के.वी.पी तेजस्वी द्विभाष्यम् (k.v.p. tejaswi dwibhashyam) द्वारा आयोजित 21 दिवसीय उपचार और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में हिस्सा लेने आयी थी.
आयुर्वेद पर अपनी आस्था की वजह बताती हुई वे कहती हैं कि, "बचपन में मेरी माँ को कैंसर हो गया था. लेकिन प्राकृतिक उपचार (आयुर्वेदिक और चीनी दवाओं) से उनकी जान बच गयी और वे ठीक हो गयी. इसने मेरी धारणा को मजबूत किया कि आयुर्वेदिक उपचार में स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अपार शक्तियाँ निहित हैं. दरअसल आयुर्वेद एक बेहद प्रभावी चिकित्सा पद्धति हैं.
उनका मानना है कि आयुर्वेदिक उपचार आध्यात्मिकता और जीवन शैली के साथ जुड़ा हुआ है.
विल्करसन कैलिफोर्निया में न्यू लीफ आयुर्वेद क्लिनिक (new leaf ayurveda clinic) चलाती हैं.उनका कहना है कि अमेरिका में आयुर्वेद उपचार धीरे-धीरे बहुत लोकप्रिय हो रहा है. लेकिन अभी वहां मार्ग में बहुत बाधाएं हैं. अमेरिका में सभी आयुर्वेदिक उपचार नहीं किए जा सकते क्योंकि देश में मेडिकल ट्रीटमेंट को लेकर बहुत सख्त नियम हैं.
उन्होंने बताया कि “न्यूरोलॉजिकल, संक्रमण और पेट की सूजन आदि समस्याओं से से पीड़ित कई रोगियों का आयुर्वेद के माध्यम से इलाज फिलहाल किया जा रहा है। इस तरह के आयुर्वेदिक उपचार का कैलिफोर्निया में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और भविष्य में इसमें और अधिक सुधार होने की संभावना है.
आयुर्वेदिक चिकित्सक के.वी.पी. तेजस्वी द्वयश्याम ने कहा कि उनके लिए भी यह एक अच्छा अनुभव रहा है. अमेरिका से आए ये कई वर्षों से आयुर्वेद के अनुसार अपने जीवन को जी रहे हैं और स्वस्थ्य जीवन को अपनाने के इच्छुक हैं.
(खबर का मूल स्रोत 'द हिन्दू'. यदि आपके पास भी ऐसी कोई खबर हो तो हमें [email protected] पर भेजे)