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समुदाय स्तर पर कोरोनावायरस के संचार की पुष्टि नहीं : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद

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By NS Desk | 19-Mar-2020

coronavirus

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा गुरुवार को बताया कि सांस की गंभीर बीमारी यानी सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (एसएआरआई) व इन्फ्लूएंजा जैसे रोग से पीड़ित लोगों के कुल 826 सैंपल की जांच की गई जिनमें से किसी में भी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने की पुष्टि नहीं हुई है। आईसीएमआर की यह रिपोर्ट बताती है कि देश में अब तक समुदाय स्तर पर कोरोनावायरस का संचार होने की पुष्टि नहीं हुई है। चिकित्सा मामले में देश के शीर्ष अनुसंधान संगठन ने एक बयान में बताया कि समुदाय स्तर पर कोरोनावायरस (कोविड-19) का संचार होने की जांच को परिषद द्वारा लेकर लगातार निगरानी की जा रही है।

आईसीएमआर ने 15 फरवरी से ही इस संबंध में गहन निगरानी शुरू कर दी है और समुदाय स्तर पर कोरोना वायरस की जांच के लिए 29 फरवरी तक देशभर में 16 निगरानी स्थल बनाए गए थे जिनको बढ़ाकर 15 मार्च तक 51 निगरानी स्थल बना दिए गए हैं। खासतौर से जहां कोरोनावायरस के मामले सामने आए हैं उन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है।

इससे पहले आईसीएमआर ने गुरुवार को बताया कि देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण के संदिग्धों और पुष्टि किए गए मरीजों के निकट संपर्क में आने वाले लोगों की जांच में 168 लोगों में मामले की पुष्टि हुई है।

आईसीएमआर ने बताया कि एसएआरएस-सीओवी-2 के संक्रमण की जांच के लिए 19 मार्च, 2020 के सुबह 10 बजे तक 12,426 लोगों से कुल 13,316 सैंपल लिए गए हैं।

रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी), गोरखपुर के निदेशक एवं आईसीएमआर के रिसर्च मैनेजमेंट, पॉलिसी प्लानिंग एंड बायोमेडिकल कम्युनिकेशन प्रमुख डॉ. रजनीकांत श्रीवास्तव ने बताया कि इस नए कोरोनावायरस को 'एसएआरएस-सीओवी-2' नाम दिया गया है।

देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लिए जा रहे सैंपल की जांच की सुविधा आईसीएमआर की 72 प्रयोगशालाओं में मुहैया करवाई गई है।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।