By NS Desk | 26-Dec-2018
कोलकाता. पश्चिम बंगाल आयुर्वेद परिषद की ओर से रजिस्ट्रार पद की नियुक्त के लिए जारी निर्देशिका के बाद घमासान मच गया है. रजिस्ट्रार पद की नियुक्त के लिए जारी निर्देशिका में आयुर्वेद शिरोमणि डिग्री या बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसीन एंड सर्जरी (बीएएमएस) के साथ-साथ संस्कृत विषय से ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन करनेवाले उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं . इसी को लेकर असंतोष है और कई आयुर्वेद चिकित्सक इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि बीएएमएस की डिग्री कोर्स करने वाले छात्रों को साइंस से 12 वीं (साइंस) के साथ फिजिक्स , केमिस्ट्री और बायोलॉजी में 50 फीसदी अंक रहना अनिर्वाय होता है. इसके साथ राष्ट्रीय स्तर पर नैशनल इलिजिबिलिटी कम ऐंट्रेंस टेस्ट (नीट) क्वालीफाई करना पड़ता है. ऐसे में एक छात्र संस्कृत की भी डिग्री ले यह कैसे संभव है. उनका कहना है कि यह सब सोची-समझी रणनीति है. अपने किसी खास व्यक्ति को उक्त पद पर बैठाने की लिए तभी तो उम्मीदावारों से इस तरह की पात्रता की मांग की गयी है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल आयुर्वेद परिषद बीएएमएस, एमडी, फार्मासिस्ट बी फार्मा और डी फार्मा कर चुके आयुर्वेद विशेषज्ञों को रजिस्ट्रेशन देता है.