मेरठ| कोरोनावायरस ने इन दिनों पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले रखा है। बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हैं। इससे बचाव के तरीके ढूंढे जा रहे हैं। ऐसे माहौल में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने कोरोनावायरस पर कोर्स चलाने की तैयारी में जुटा है।
कोर्स तैयार करने की जिम्मेदारी डिजास्टर मैनेजमेंट (आपदा प्रबंधन) के जंतु विज्ञान, वनस्पति व विष विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान विभाग को सौंपी गई है।
चौ़ चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ एनके तनेजा ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में बताया कि विश्वविद्यालय में डिजास्टर मैनेजमेंट (आपदा प्रबंधन) के जंतु विज्ञान, वनस्पति व विष विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि वे इस कोर्स को तैयार करें।
तनेजा ने कहा कि जिस तरह से कोरोनावायरस को लेकर पूरी दुनिया में स्थिति बनी है। ऐसे समय में यह पाठ्यक्रम उपयोगी साबित हो सकता है।
तनेजा ने कहा, "यह एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स होगा। इसमें इस वायरस को अलग से शामिल किया जाएगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय में विज्ञान के तीन विषयों में भी वायरस स्टडीज को पाठ्क्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। इसे हर हाल में दो माह में शुरू करना है। यह स्ववित्तपोषी पाठ्यक्रम है। अभी इसे सैद्घान्तिक रूप से सहमति प्रदान कर दी है। इसे व्यवाहरिकता में लाना है। एकेडमिक कांउसिल के माध्यम से इसे पास कराया जाएगा।"
कुलपति ने बताया कि यह कोर्स दो सेमेस्टर में चलाया जाएगा। पहले सेमेस्टर में बाढ़, तूफान, समुद्री तूफान पढ़ाया जाएगा। दूसरे सेमेस्टर में जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान एडमिस्ट्रेशन के संयुक्त प्रयास से यह वायरस स्टडीज पढ़ाया जाएगा।
तनेजा ने कहा, "छात्र इसका अध्ययन डिप्लोमा डिस्जाटर मैनेंजमेंट के अर्न्तगत करेंगे। अभी फिलहाल इसकी कोई फीस निर्धारित नहीं है। कांउसिल में पास होने के बाद ही कुछ तय हो पाएगा। यह छात्रों के साथ ही जनसामान्य के लिए भी उपयोगी बताया है।"
जानकारों की मानें तो अभी तक विश्वविद्यालय में अलग से वायरस की कोई पढ़ाई नहीं होती है। एमएससी जंतु विज्ञान जैसे विषय में फर्स्ट सेमेस्टर में वायरस का सिर्फ जिक्र है। विज्ञान के छात्र वायरस को अपने पाठ्यक्रम इसे विस्तार से पढ़ेंगे।
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या 19 हो गई है। इनमें आगरा के आठ, गाजियाबाद के दो, नोएडा के चार, लखनऊ के पांच मरीज हैं।
प्रदेश सरकार ने कोरोना को भले ही महामारी घोषित नहीं किया है, लेकिन महामारी जैसी सभी स्थितियों से निपटने का अलर्ट जारी किया गया है। सभी जिला मुख्यालयों पर आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।
(विवेक त्रिपाठी की रिपोर्ट)