By NS Desk | 11-Jan-2019
सुपौल। वैद्य राज महासेठ पेशे से कपड़ा व्यापारी थे. लेकिन मानवीयता की सेवा करने की उनमें ऐसी भावना उठी कि सबकुछ छोड़कर लोगों जड़ी-बूटियों की मदद से उनके उपचार में लग गए. अब लोग उन्हें वैद्य राज महासेठ के नाम से जानते हैं. आज वे जड़ी-बूटी के माध्यम से एपेंडिक्स जैसी जटिल असहनीय रोगों का इलाज बिना किसी चीरफाड़ के विभिन्न प्रकार के पौधों का लेप लगाकर कर रहे हैं।इस इलाज के लिए उनके पास आसपास के लोग ही नहीं बल्कि दूरदराज के पीड़ित भी उपचार पाकर स्वस्थ हो रहे हैं।
राघोपुर रेलवे स्टेशन से महज 500 किमी दूरी पर स्थित वैद्य राज महासेठ अपने निवास स्थान पर करीब 20-25 वर्षो से विभिन्न जड़ी-बूटी के माध्यम से सैकड़ों एपेंडिक्स रोगी के असहनीय दर्द दूर कर उनको जड़ से खत्म करने की दावा करते हैं। मानव सेवा के भाव से कर रहे इस कार्य के लिए वैद्य महासेठ कई प्रकार की औषधीय जड़ी-बूटी के पौधे अपने छोटे से आंगन में तैयार कर लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इन प्रजातियों के पौधे और फल में है औषधीय गुण वैद्य महासेठ के अनुसार सतावर, सर्पगंध, काली हल्दी, क्याकंद, सुदर्शन, हर्रा, बहेरा, आंवाल, सर्पगंधर्व, गुड़मार, अड़ूसा, आकमसर, निशोथ, मुलहटठी, वज्रकंद, लेड़ी पीपर, दमनक, रामकंद, निरगुंडी, बच, अंजीर, घृतकुमारी, सफेद मूसली, गरुण, नागदोन, नागबला, अकरकंद, चक्रर्मद सहित सैकड़ों प्रकार के प्रजाति के पौधे के जड़, मूल, फल, पत्ते की जड़ी-बूटी तैयार कर लोगों को न सिर्फ इनका महत्व बताया जा रहा है बल्कि दवा बनाकर उनको स्वास्थ्य लाभ भी पहुंचाया जा रहा है।
(मूलस्रोत - जागरण)