By NS Desk | 21-Dec-2018
गाजियाबाद. केंद्र सरकार एक तरफ आयुर्वेद को आगे बढ़ाने के लिए जोर-शोर से लगी हुई है तो दूसरी तरफ गाजियाबाद (उत्तरप्रदेश) का एक आयुर्वेद अस्पताल एक अदद जगह के लिए दर-दर भटक रहा है. अब तक इसे तीन बार शिफ्ट किया जा चुका है और चौथी बार शिफ्ट करने का सरकारी फरमान भी जारी किया जा चुका है. पढ़िए नवभारत टाइम्स की पूरी खबर -
केंद्र सरकार ने भारत को 'आयुष्मान' बनाने के लिए 1.5 करोड़ आरोग्य केंद्रों में आयुर्वेदिक दवाएं उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। इस दिशा में लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं और चिकित्सा संस्थानों में आयुर्वेद केंद्र खोले जा रहे हैं, लेकिन गाजियाबाद में आयुर्वेदिक चिकित्सालय ही अस्थिर है। इसे एक 'आयुष्मान' जगह की दरकार है। प्रशासन इस पर कितना ध्यान दे रहा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ महीने में आयुर्वेदिक चिकित्सालय को तीन बार शिफ्ट किया गया और अब चौथे की बारी है। इस चिकित्सालय में रोजना 100 से ज्यादा मरीज उपचार के लिए आते हैं।
दरअसल, शासन स्तर से ठंड को देखते हुए प्रदेश के सभी अस्पतालों में बने रैन-बसेरे खाली करवाने के निर्देश पर कंबाइंड हॉस्पिटल के रैन-बसेरे में चल रहे आयुर्वेदिक चिकित्सालय को हटाने का फरमान जारी किया गया है। कंबाइंड अस्पताल के सीएमएस ने क्षेत्रीय आयुर्वेद आधिकारी को लिखे पत्र में रैन-बसेरा खाली करने के लिए कहा है। क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी डॉ. अशोक राणा का कहना है कि उन्हें रैन-बसेरा खाली करने में हर्ज नहीं है, लेकिन शिफ्ट करने के लिए अस्पताल प्रबंधन स्थान मुहैया कराए। आयुर्वेदिक चिकित्सालय को डीएम के आदेश पर कंबाइंड अस्पताल में शिफ्ट किया गया था और सीएमओ ने ही उसके लिए जगह दिलवाई थी।
करीब 4-5 महीने पहले शासनादेश के तहत आयुर्वेदिक चिकित्सालय को संजय नगर में किराए के भवन से प्रांतीय चिकित्सक सेवा संघ के कार्यालय में शिफ्ट किया गया था, लेकिन विरोध की वजह से इसे यहां से भी हटाकर कंबाइंड अस्पताल के रैन-बसेरा में शुरू किया गया था।
अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए रैन बसेरा खाली रखना जरूरी है। अगर ठंड से किसी मरीज और उसके साथ देखभाल करने आने वाले लोगों को कोई परेशानी होती है या फिर किसी की मौत हो जाती है तो इसकी जिम्मेदारी अस्पताल के सीएमएस की होगी। इस वजह से सीएमएस ने यह कदम उठाया है।
यह शासनादेश आने के बाद कंबाइंड अस्पताल के सीएमएस ने क्षेत्रीय आयुर्वेद आधिकारी को पत्र लिखकर रैन-बसेरे को खाली करवाने और आयुर्वेदिक चिकित्सालय को कहीं और शिफ्ट करने को कहा है।