कुरुक्षेत्र : विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि आयुर्वेद में बीएएमएस एवं उच्च शिक्षा ग्रहण करने पर विद्यार्थी सिविल सर्विसेज तथा व्यवसाय प्रबंधन में अपनी पहचान बना सकते हैं। डॉ. चौधरी श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में आयोजित सेमिनार एवं अतिथि व्याख्यान के दौरान आयुर्वेद के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के छात्र अपनी स्नातक डिग्री के बाद चिकित्सक या शिक्षक बनने के विकल्प के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में अपना करिअर बना सकते हैं। आयुर्वेद के अनेक छात्रों ने बिजनेस मैनेजमेंट, सिविल सर्विसेज सहित अनेक क्षेत्रों में देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बनाई हैं। इसलिए आयुर्वेद के विद्यार्थियों को अपने व्यक्तित्व का विकास करते हुए पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस प्रकार के व्याख्यान न केवल विद्यार्थियों को आयुर्वेद की ओर आकर्षित करते हैं बल्कि उन्हें एक अच्छा मार्गदर्शन भी देते हैं। इससे विद्यार्थियों को आयुष शिक्षा के प्रति प्रोत्साहन मिलेगा और वे आयुर्वेद की शिक्षा से एक उत्कृष्ट विकल्प तलाश कर सकेंगे। कार्यक्रम के दौरान श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. उषा दत्त, डॉ. देवेंद्र खुराना, डॉ. अशोक राणा, डॉ. अनिल शर्मा व डॉ. सचिन शर्मा उपस्थित रहे।
(दैनिक जागरण से साभार)