• Home
  • Blogs
  • NirogStreet Newsआयुर्वेद की विधा में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाना चाहिए - प्रो. अभिमन्यु कुमार

आयुर्वेद की विधा में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाना चाहिए - प्रो. अभिमन्यु कुमार

User

By NS Desk | 16-Jan-2020

ayurveda news in hindi

Ayurveda

जोधपुर. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय और केंद्रीय आयुर्वेद विभाग अनुसंधान परिषद द्वारा तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का बुधवार को उद्घाटन हुआ. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार ने इसका उद्घाटन किया. अपने उद्भोषण में उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की विधा में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाना चाहिए जिससे नए शोध में मदद मिलेगी. साथ-ही-साथ मशीन लर्निंग की मदद से आयुर्वेद का बेहतर आकलन भी किया जा सकेगा. 

कार्यशाला में प्रदेश के 33 चयनित शिक्षक भाग ले रहे हैं. चयनित शिक्षकों को केंद्रीय आयुर्वेदिक विभाग के डॉ विनोद लवानिया, डॉ भुवनेश शर्मा और डॉ सुभाष चौधरी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा.  इस मौके पर केंद्रीय आयुर्वेद विभाग अनुसंधान परिषद के अनुसंधान अधिकारी विनोद लवानिया ने कहा कि परिषद की ओर से अनेक ज्वलंत समस्याओं के लिए औषधियां विकसित की गयी है, जिसमें मलेरिया, मधुमेह, कैंसर, व्रणरोपण, ऑस्टियो अर्थराइटिस, हाइपरटेंशन, आंखों की रोशनी व रोगों के लिए मानक औषधियां शामिल हैं जो जो बहुत उपयोगी परिणाम दे रहे हैं.    

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।