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फार्माकोपिया की शुरुआत, आयुर्वेद जगत के लिए साल की सबसे महत्वपूर्ण घटना

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By NS Desk | 02-Jan-2019

वर्ष 2018 आयुर्वेद जगत के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा. बहुत सारी गतिविधियाँ हुई. आयुर्वेद की दुनिया का विस्तार हुआ. आयुर्वेद अस्पतालों का पूरे देश में जाल बिछाने की बात सरकार के तरफ से सामने आयी. निजी और सरकारी स्तर पर आयुर्वेदिक अस्पताल खुले भी . मेदांता जैसे बड़े अस्पताल भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आयुर्वेद के क्षेत्र में और सक्रिय हुए. लेकिन आयुर्वेद जगत के लिए सबसे बड़ी घटना फार्माकोपिया की शुरुआत रही. वर्ष 2018 के अंतिम महीने में लांच हुई फार्माकोपिया आयुर्वेद के भविष्य के दृष्टिकोण से सबसे बड़ी घटना साबित हुई.

केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने फार्माकोपिया की शुरुआत करते हुए कहा कि 700 तरह की आयुर्वेदिक दवाओं की जानकारी भारतीय प्रमाण के साथ सार्वजनिक की गई है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के मानकों को विकसित करने और उनकी उपयोगिता के साथ क्रियान्वयन के लिए ये बहुत जरूरी कदम था. इससे न सिर्फ आयुर्वेद औषधियों की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इन्हें ख्याति भी हासिल हो सकेगी.

फार्माकोपिया से फायदा

आयुर्वेदिक दवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और भारत के आयुर्वेद की दुनिया में अब कोई चोरी नहीं कर सकेगा. शुरूआती दौर में 700 दवाओं के वैज्ञानिक ब्यौरे एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे. इससे दवा निर्माताओं को आयुर्वेदिक दवाओं के पादपों, उनमें मौजूद विभिन्न तत्वों और उनके इस्तेमाल की मात्रा को लेकर वैज्ञानिक जानकारी हासिल होगी.

फार्माकोपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी के निदेशक डॉ. केसीआर रेड्डी के अनुसार अब तक आयुर्वेद की 400 एकल दवाओं तथा करीब 300 एक से ज्यादा मालीक्यूल वाली दवाओं का फार्माकोपिया तैयार किया जा चुका है। अभी तक यह सिर्फ दस्तावेज के रूप में उपलब्ध थी।

वर्ष 2010 में अमेरिका ने हल्दी और नीम से जुड़े हर्बल उत्पाद तैयार कर खुद का पेटेंट घोषित कर दिया था, लेकिन जब भारत ने इस पर ऐतराज जताया तो अमेरिका ने सात अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में आयुर्वेद दवाओं का ब्योरा उपलब्ध नहीं होने का तर्क दिया था. अब फॉर्माकोपिया और फॉर्मालुरी के ऑनलाइन होने के बाद कोई भी देश भारतीय आयुर्वेद की दवाओं पर अपनी मुहर नहीं लगा सकेगा.

आयुर्वेद पर शोध करने वालों के लिए भी ऑनलाइन फार्माकोपिया फायदेमंद साबित होगा. स्पष्ट है कि फार्माकोपिया से भारतीय आयुर्वेद की दुनिया बदलने वाली है और इस लिहाज से हम इसे वर्ष 2018 की सबसे बड़ी घटना मान सकते हैं.

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।