By NS Desk | 08-Jan-2019
पेनक्रिएटाइटिस रोग का आयुर्वेद में बेहतर इलाज मौजूद है। यह मानना है पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन के मानद चिकित्सक रह चुके वैद्य बालेंदु का। ग्राम रतनपुरा स्थित सुपर स्पेशियलिटी आयुर्वेदिक रिसर्च सेंटर में हुई संवाददाता सम्मलेन में वैद्य बालेंदु ने कहा कि मेरठ निवासी स्व. वैद्य चंद्र प्रकाश ने 70 के दशक में तांबा, पारद, गंधक को अपराजिता, देवदाली और नींबू के रस के साथ सतत क्रिया कर करीब तीन सालों में एक रस औषधि का निर्माण किया था।
पेनक्रिएटाइटिस रोग में उक्त रस औषधि के प्रभाव का अध्ययन 1997 से वैद्य चंद्रप्रकाश कैंसर रिसर्च फाउंडेशन में किया जा रहा है। सितंबर 2018 तक 620 मरीज चिकित्सा का लाभ उठा चुके हैं। अमेरिका से प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल ‘‘पेनक्रिएटिक डिसॉर्डर्स एंड थेरेपी में दिसंबर 2018 के अंत में इन आंकड़ों को प्रकाशित किया गया है।
एक वर्ष के आयुर्वेदिक चिकित्सा के बाद इस बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या 986 से घटकर 70 हो गई और अस्पतालों में भर्ती गंभीर रोगियों की संख्या 606 से घटकर 24 रह गई। बेंगलुरु स्थित भारतीय वैज्ञानिक संस्थान तथा मैसूर स्थित विप्राजेन बायो साइंसेज नामक अनुसंधान केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पेनक्रिएटाइटिस रोग में आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रभाव को स्थापित करने वाला यह विश्व में प्रथम उदाहरण है। इसका पेटेंट कराया जा चुका है।
वैद्य बालेंदु के मुताबिक पेनक्रिएटाइटिस या अग्नाशय में होने वाली सूजन के कारण अग्नाशय के अंदर बनने वाले पाचक एंजाइम और हार्मोंस इससे बाहर नहीं निकल पाते और अग्नाशय की कोशिकाओं एवं ऊतकों को नष्ट करने लगते हैं। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इस बीमारी का कोई निश्चित इलाज नहीं है।
(मूलस्रोत - अमर उजाला)