By NS Desk | 28-Dec-2018
वाराणसी, जेएनएन। नेफ्रोटिक सिंड्रोम नामक बीमारी से पीडि़त 13 वर्षीय आकाश वर्मा के जीवन में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति नई उम्मीद की किरण लेकर आया। आकाश के पिता बबलू वर्मा पुराने दिनों को याद करके भावुक हो उठते हैं और बताते हैं कि पिछले लगभग 10 सालों से आकाश को चेहरे, पैरों और पेट में सूजन के साथ पेशाब में प्रोटीन जाने की परेशानी है। अब सूजन कम हो रही है और चेहरे का आकार भी सामान्य हो रहा है।
आकाश जब तीन वर्ष का था तबसे वह परेशान हैं। शुरुआत में पांच साल तक वाराणसी के एक निजी चिकित्सालय में इलाज कराया। उसके बाद वहां के डाक्टरों ने बेटे को एम्स नई दिल्ली रेफर कर दिया। यहां पर पता चला कि बेटे को नेफ्रोटिक सिंड्रोम है। एक वर्ष तक यहां का इलाज चला। संतोषजनक परिणाम नहीं मिला। उसके बाद दो वर्ष तक बीएचयू में इलाज चला।
मार्च 2018 को उसके एक रिश्तेदार ने उनसे कहा कि वह एक बार चौकाघाट स्थित राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय में बेटे को दिखा लें। काय एवं पंचकर्म विभाग के वैद्य अजय कुमार मार्च से आकाश का इलाज कर रहे हैं। आकाश ने खुद बताया कि अब वह बेहतर महसूस कर रहा है। खाना भी ठीक से खा ले रहा हूं। आयुर्वेद का चमत्कार। (साभार जागरण)