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शीत लहर और खराब वायु गुणवत्ता से खुद को बचाने के लिए आयुर्वेदिक सेल्फ केयर टिप्स !

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By Dr Abhishek Gupta | 31-Jan-2021

Ayurvedic Self Care Tips

सर्दियों के मौसम में स्वस्थ और सक्रिय बने रहना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। ठंडी हवा और तापमान में गिरावट किसी को भी बीमार कर सकती है, खासकर जिस तरह से आजकल प्रदूषण बढ़ रहा है और विभिन्न तरह के फ्लू या वायरस हो रहे हैं ऐसे में यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) मजबूत नहीं है तो बीमार पड़ना बहुत परेशान कर सकता है। लेकिन सर्दियों के महीनों के दौरान आप घर के अंदर भी खुद को सीमित नहीं कर सकते हैं।

यहीं पर आयुर्वेद काम में आता है। कुछ सरल युक्तियों का पालन करके आप ठंड से होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं। यहाँ कुछ सुझाव साझा कर रहे हैं जिन्हें आप इस सर्दी के मौसम में अपना सकते हैं:

1. अपने एरिया के वायु प्रदूषण के पूर्वानुमान की जाँच करें, आपके आसपास के वातावरण में वायु कितनी ख़राब है इसे आप विभिन्न माध्यमों जैसे: स्थानीय रेडियो, टीवी पर मौसम की रिपोर्ट, समाचार पत्र या ऑनलाइन https://aqicn.org/map/india/ इस लिंक पर जाँच सकते हैं, क्योंकि बहुत ख़राब एयर क्वालिटी होने पर बाहर टहलने जाना आपके लिए लाभकारी नहीं नुकसान देह साबित हो सकता है, विशेषकर तब जब आप अस्थमा या साँस सम्बन्धी समस्या से पीड़ित हैं या आपकी इम्युनिटी कमजोर है।
ख़राब हवा में बाहर टहलने से बेहतर है अंदर (Indoor) ही व्यायाम करें / जिम करें या योगाभ्यास करें!

2. आयुर्वेद तेल से मालिश: तिल के तेल या सरसों के तेल को हल्का गुनगुना करके शरीर की हल्के हाथ से मालिश करने से आपका शरीर गर्म रहेगा, इससे आपकी त्वचा नर्म रहती है व खुरदुरी या रूखी नहीं पड़ेगी। आप सुबह स्नान करने से पहले या सोने से पहले अपनी त्वचा की मालिश कर सकते हैं। नियमित तेल की मालिश करने से दिमाग शांत रहता है, तनाव से राहत मिलती है और नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।

3. गर्मियों की तुलना में सर्दियों में हमारा पाचन तंत्र कमजोर होता है। इसलिए इस मौसम में ठंडे भोजन को न खाएं। जब आप ठंडा भोजन खाते हैं, तो इससे पचाने के लिए आपके पाचन तंत्र को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यह अक्सर अपच को बढ़ाता है, जिससे पेट की अन्य परेशानियां बढ़ती है। इसलिए स्वस्थ रहने व भोजन को अच्छे से पचाने के लिए गर्म और आसानी से पचने वाला आहार खाएं।

4. सुबह के समय खाली पेट में हल्का गुनगुना पानी पियें, इससे शरीर में मौजूद दूषित पदार्थ मल-मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं। बहुत ज्यादा गर्म पानी या लगातार गुनगुने पानी का सेवन भी कई बार शरीर के अच्छे पदार्थों को बाहर कर देता है या कमजोरी को बढ़ाता है इसलिए हल्के गुनगुने पानी का कम मात्रा में ही सेवन करें, किसी रोग की स्थिति में अपने चिकित्सक के परामर्श के अनुरूप ही पानी का सेवन करें।

5. किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी होने पर खुद से ही किसी भी तरह के नुस्खे के प्रयोग करने से बचें, अपने नजदीक के आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श करके ही अपनी परेशानी का उपचार करवाएं। (डॉ. अभिषेक गुप्ता, सीएमओ, निरोगस्ट्रीट)

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।