• Home
  • Blogs
  • NIrog Tipsआयुर्वेद के अनुसार रात में दूध पीने के होते हैं कई फायदे

आयुर्वेद के अनुसार रात में दूध पीने के होते हैं कई फायदे

User

By NS Desk | 22-Apr-2019

best time to have milk and the benefits

दूध हमारे भोजन का अभिन्न हिस्सा है। आयुर्वेद में इसे बहुत पौष्टिक भोजन माना गया है। दूध में प्रोटीन, विटामिन a, b1, b12, विटामिन d, पोटेशियम और मैग्नीशियम आदि पाए जाते हैं। यह न केवल हमें स्वस्थ्य रखता है बल्कि विभिन्न रोगों में भी असरदार साबित होता है। सर्दी-जुकाम जैसी छोटी-मोटी बीमारियों में तो यह रामवाण साबित होता है। यह हमारे शरीर को पूर्ण पोषण प्रदान करता है। इसके अलावा ये वात और पित्त में सामंजस्य भी स्थापित करता है। यही वजह है कि भारत में प्राचीन काल से दूध आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। लेकिन आयुर्वेद ने दूध पीने के कुछ नियम निर्धारित किए हैं। उसके हिसाब से दूध का सेवन करने से और अधिक फायदा होता है। आइये जानते हैं कि दूध पीने के कुछ नियम और इसे पीने का सही समय।

दूध पीने का सही समय -

दूध पीने का सबसे अच्छा समय रात में माना गया है. आयुर्वेद के अनुसार दूध को रात में सोने से पहले ही पीना चाहिए जिससे इसके सारे लाभ आपको मिल सके।

रात में दूध पीने से अच्छी नींद आती है. दूध में कैल्शियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती और रात में कम लेवल होने की वजह से यह आसानी से शरीर में अवशोषित हो जाता है।

दूध हमारे शरीर की मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है, इससे शरीर की थकान मिटती है और अच्छी नींद आती है.

दूध पीने का तरीका -

आयुर्वेद में देशी गाय के दूध को सर्वोत्तम माना गया है जिसकी उपलब्धता आजकल शहरों में बहुत कम हो गया है. बहरहाल दूध को पीने में हम कुछ सावधानियां बरते तो इसका फायदा कई गुना तक बढ़ सकता है.

- आमतौर पर लोग दूध में चीनी डालकर पीते हैं. लेकिन दूध फीकी ही पीएं तो सर्वोत्तम है.

- दूध में देशी गाय का घी मिलाकर पीने से भी बहुत फायदा होता है.

- कच्चा दूध पीना स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा नहीं. आयुर्वेद के अनुसार दूध को गरम-गरम ही पीना चाहिए।

- दूध के साथ हल्दी मिलाकर पीने के भी कई फायदे हैं.

दूध के साथ ये चीजें भूलकर भी न खाएं -

- दूध के साथ नमक का सेवन वर्जित है.

- मांसाहारी भोजन के बाद दूध नहीं पीना चाहिए.

- दूध के साथ खट्टी चीजों को खाने से परहेज करे.

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।