By Dr Abhishek Gupta | 21-Jan-2022
पेट में भारीपन का आयुर्वेदिक इलाज
प्रश्न - मैं 19 साल का हूं। मेरे पेट से स्थूल पूरी तरह साफ नहीं होता है, शौच जाने के बाद भी पेट में भारीपन रहता है। मैंने अनेक आयुर्वेदिक इलाज करवाएं पर कोई फायदा नहीं मिला। कृपया उपाय बताएं। धन्यवाद। (हिमांशु कुमावत)
उत्तर - ऐसी स्थिति ज्यादातर बार कमजोर पाचन और पेट में खाने को पचने में मदद करने वाले एंजाइम (जिसे आयुर्वेद की भाषा में पेट की अग्नि या पित्त कहते हैं) के बिगड़ने के कारण होती है, इस स्थिति के कारण हम जो कुछ भी खाते हैं वह ठीक से पच नहीं पाता जिससे पेट और आँतों में कच्चा आहार रह जाता है जो पेट में मौजूद रसों में लिपटने के कारण वह (कच्चा आहार) चिपचिपा सा हो जाता है, आयुर्वेद में इस स्थिति को "दूषित आम रस" कहते हैं! आपको होने वाली दिक्कत संभवतः इसी कारण से हो रही है, इसके लिए आपको अपने खाने पीने में विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है, देर से पचने वाले खाने को बिलकुल भी सेवन न करें जैसे राजमा, छोले, पूरी, पराठें, मैदा से बनी चीज़ें, बासी खाना, मिठाई, दूध आदि
इसके साथ-साथ आपको तली-भुनी चीज़ें, मिर्च-मसाले वाला खाना, अचार-खटाई आदि का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना है क्योंकि आपके पेट की अग्नि मंद / कमजोर होने के कारण आप ऐसे आहार को सही से पचा नहीं पाएंगे! अपने खाने में हल्के और आसानी से पचने वाले आहार जैसे सब्जियों के सूप, पतली सब्जियां, खिचड़ी, पतली दाल, उपमा, पोआ, चीला, इडली आदि का सेवन करें!
साथ ही गुनगुने पानी में अदरक के आधे चम्मच रस को डालकर दिन के समय में लें, और खाना तब ही खाएं जब आपको भूख लगे, बिना भूख के कुछ भी न खाएं, दिन के समय में ताजे पके मौसम के अनुरूप मिलने वाले फलों का सेवन भी कर सकते हैं। अन्य बेहतर परिणामों के लिए अपने पास के आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श करें!
( डॉ. अभिषेक गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, निरोगस्ट्रीट)
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