By Ram N Kumar | 14-Jan-2019
To be healthy, follow these 10 tips of Ayurveda in dinner
भोजन पर ही हमारा स्वास्थ्य निर्भर करता है. आयुर्वेद में इसके लिए कुछ नियम बनाये गए हैं. सुबह के नाश्ते को स्वास्थ्य के लिए सबसे अहम माना गया है. सुबह के नाश्ते को इसलिए 'भोजन का राजा' भी कहा गया है और ज्यादातर स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ नाश्ते को भरपेट करने की सलाह देते हैं. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि बाकी के समय के भोजन का कोई महत्व नहीं. सच्चाई ये है कि हरेक वक़्त के खाने का अपना-अपना महत्व है. यदि हम एक वक़्त का खाना खाते हैं और दूसरे वक़्त का छोड़ते हैं तो ये हमारे स्वास्थ्य के लिए कोई अच्छी बात नहीं होगी और हमारे शरीर पर इसका प्रतिकूल असर भी पड़ सकता है. इसलिए सुबह से लेकर रात तक के खाने को लेकर हमे सजग रहना चाहिए और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ही उसका निर्धारण करना चाहिए तभी हम निरोग रह सकते हैं.
लेकिन कुछ लोग रात के खाने को बिलकुल तवज्जो नहीं देते और कुछ भी खा लेते हैं. लंबे समय तक ऐसा करने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है. रात का डिनर हल्का और सुपाच्य होने के साथ-साथ ऐसा होना चाहिए जिससे कफ दोष नहीं पैदा हो. इसलिए हाई कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ , ज्यादा तैलीय खाना (ऑयली खाद्य पदार्थ), डिब्बाबंद जमे हुए खाद्य पदार्थ, आइस क्रीम जैसे खानों को रात के दौरान खाने से बचना चाहिए क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार ऐसा खाना से कफ दोष में असंतुलन पैदा होता है. लेकिन यदि आप अभी भी उन्हें खाने की इच्छा रखते हैं, तो उन्हें संयम से लें. रात में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन वजन बढ़ाने और आपके चयापचय को धीमा कर सकता है. आयुर्वेद के अनुसार, दिन के अंतिम भाग में कफ का बोलबाला है, इसलिए, हम जो भी खाते हैं, वह कफ को संतुलित करने में सक्षम होना चाहिए और इसे नहीं बढ़ाना चाहिए। यहाँ रात में स्वस्थ खाने के कुछ आयुर्वेदिक सुझाव दिए जा रहे हैं जिनका पालन कर आप स्वस्थ रह सकते हैं -
रात में हल्का और सुपाच्य खाना ही खाना चाहिए और जहाँ तक हो सके चर्बी वाले भोजन से बचना चाहिए. यदि रात में आप पेटभर कर भारी खाना खाते हैं तो एक तरफ आपकी नीद बाधित हो सकती है तो दूसरी तरफ सुबह उठने पर आपको ताजगी की बजाए भारीपन महसूस हो सकता है.
यदि आप दही खाना हद से ज्यादा पसंद है और रात में भी दही खाने से अपने आपको नहीं रोक पाते तो ये समय है जब आप सचेत हो जाएँ और रात में दही खाना अविलंब बंद करें. आयुर्वेद के अनुसार, दही में खट्टे और मीठे दोनों गुण होते हैं और यह शरीर में कफ दोष को बढ़ाता है. रात के दौरान, शरीर में कफ की स्वाभाविक प्रबलता होती है। यह असंतुलन नाक मार्ग में अतिरिक्त बलगम विकास को जन्म दे सकता है।
रात का खाना अपेक्षाकृत कम खाएं. हल्का भोजन लें. इससे नींद अच्छा आने के अलावा खाना जल्दी भी पचेगा और सुबह आप हल्का महसूस करेंगे. हमारा पाचनतंत्र देर रात असक्रिय (inactive) हो जाता है जिससे भोजन पचाना मुश्किल हो जाता है.
रात में अधिक प्रोटीन युक्त भोजन शामिल करें। डिनर में दाल, हरी पत्तेदार सब्जी और करी पत्ता शामिल करें. अपने पाचन तंत्र को अच्छी तरह से काम करने के लिए रात में प्रोटीन का अधिक और चर्बीयुक्त भोजन का कम सेवन करना अच्छा होता है.
सूर्यास्त के बाद नमक खाना स्वास्थ्य के लिए हितकर नहीं होता. आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार शाम 7 बजे के बाद नमक खाने से परहेज करना चाहिए. हालाँकि वर्तमान समय में इसका पालन करना थोडा कठिन कार्य है. लेकिन जहाँ तक हो सके नमक की खपत में कटौती की कोशिश करें. नमक को शरीर में पानी के प्रतिधारण (water retention) को बढ़ाने वाला माना जाता है. इससे ब्लडप्रेसर बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है.
अपने खाने के भोजन में अधिक मसाले शामिल करें. मसाले भोजन को सुगंधित स्वाद बनाने के अलावा स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है. मसाले शरीर की गर्मी को बढ़ाते हैं और भूख पर अंकुश लगाकर वजन घटाने में भी मदद करता है. इसलिए रात्रि के भोजन में अधिक मसाले जैसे दालचीनी, सौंफ, मेथी और इलायची आदि को शामिल करें।
रात के खाने में चीनी खाने से बचना चाहिए. इसकी जगह शहद का सेवन कर सकते हैं. शहद न केवल स्वाद को बढ़ाता है बल्कि वजन कम करने और बलगम को कम करने में भी मददगार साबित होता है.
सिर्फ पढाई के लिए ही नहीं खाना खाने में भी खाने पर ध्यान केन्द्रित करना जरुरी है. इसलिए ये जरुरी है कि खाते समय सिर्फ खाए जाने वाले खाने पर ही ध्यान दे. खाते समय न टीवी देखे और न बातचीत करें. इससे आप सही तरीके से और सही मात्रा में भोजन करेंगे.
भोजन समय पर खाना जरुरी है. यदि समय पर हम भोजन नहीं करते तो गैस, बदहजमी और कई अन्य पेट से संबंधित समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं. डिनर के मामले में समय की पाबंदी बेहद जरुरी है. इसलिए रात के खाने का एक समय नियत कर देना चाहिए और यथासंभव कोशिश करनी चाहिए कि उसका पालन किया जाए. आयुर्वेद के नियमानुसार सोने के 2-3 घंटे पहले डिनर कर लेना चाहिए ताकि खाने को पचने का पर्याप्त समय मिल सके.
सलाद स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है. लेकिन रात में सलाद खाना अहितकर साबित हो सकता है. आयुर्वेद के अनुसार रात में सलाद खाने से वायु दोष पैदा होता है.
निष्कर्ष - आयुर्वेद के ये कुछ सिद्धांत हैं जिनका पालन हम करेंगे तो मोटापा, कब्ज, गैस आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचकर लंबे समय तक निरोग रह सकते हैं.
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