च्यवनप्राश खाने के 5 फायदे

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By NS Desk | 05-Mar-2019

आयुर्वेद के मुताबिक़ च्यवनप्राश खाने से कई बीमारियों से बचाव होता है। इसका सबसे अच्छा और सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। च्यवनप्राश 20-40 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सम्मिश्रण है। इसकी संख्या बढ़ भी सकती है। मूल रूप से, कुछ च्यवनप्राश में 20 जड़ी-बूटियों को एक साथ मिलाया जा सकता है, और कुछ विशेष में 80 जड़ी-बूटियाँ। च्वयनप्राश में शामिल होने वाले आंवला, ब्राह्मी, अश्वगंधा, शतावरी आदि जैसे जड़ी-बूटियों में महान प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुण हैं।

आइए हम आपको बताते हैं कि च्यवनप्राश लेने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे मजबूत होती है।

पाचन में सुधार और कब्ज से मुक्ति :

यह पाचन में सुधार करता है. आजकल लोग अक्सर फास्ट फूड का सेवन करते हैं. खाने से खनिज और विटामिन से भरपूर सब्जियां और फल गायब होती हैं। ऐसे में फाइबर कम होने के कारण फास्ट फूड कब्ज का कारण बनता है, जो इन दिनों एक आम समस्या है। च्यवनप्राश में आमतौर पर 20 से 40 जड़ी बूटियों का मिश्रण होता है जो मल त्याग और पाचन में मदद करता है। इसलिए, यह पाचन तंत्र को विनियमित कर सकता है और चयापचय को उत्प्रेरित कर सकता है। इसके अलावा, आंवला और दालचीनी कारमेटिक गुण प्रदान करते हैं जो पेट फूलना को रोकता है।

यह रक्त को शुद्ध करता है

सामान्य अस्वास्थ्यकर भोजन की आदत के कारण, हम अपने शरीर में बहुत सारे विषाक्त पदार्थों को जमा करते हैं। ये हमारे शरीर में तब तक जमा होते हैं जब तक हम इसे बाहर नहीं निकालते हैं। लेकिन अगर विषाक्त पदार्थ अधिक समय तक रहते हैं और यह हमारी कोशिकाओं और रक्त के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, जिससे बैक्टीरिया का संक्रमण होता है। इसके अलावा, त्वचा अपनी चमक खो सकती है और सौंदर्य उत्पादों के प्रयोग के बावजूद आपको युवा और सुंदर नहीं बना सकता है। लेकिन च्वयनप्राश में मौजूद आंवला में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है जो रक्त शोधन में मदद करता है और शहद और घी त्वचा के लिए प्राकृतिक मॉइस्चराइजर का काम करते हैं।

यह मौसमी बीमारी से बचाता है

मौसमी बदलाव के समय बीमार पड़ने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. यह समय ऐसा होता है जब वायरस सबसे अधिक सक्रिय पाए जाते हैं. खासकर जब हवा में नमी रहती है तब बैक्टीरिया और रोगाणु तेजी से बढ़ते हैं. च्वयनप्राश ऐसे मौसमी बीमारियों से हमें बचाता है और बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण से हमें बचाता है.

श्वसन प्रणाली को नई ऊर्जा

च्यवनप्राश में मौजूद जड़ी-बूटियां फेफड़ों को संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करती हैं। इसमें मौजूद जड़ी-बूटियों फेफड़ों की नमी को बनाए रखता है। इसके एंटीऑक्सिडेंट और एंटिफंगल गुण श्वसन प्रणाली को नई ऊर्जा देते हैं। यह श्वसन कार्यों में सुधार करता है.

याददाश्त को बढ़ाता है

मस्तिष्क शरीर के अंगों के बीच समन्वय कायम करता है। इसलिए इसकी उचित देखभाल जरुरी है। लेकिन यदि मस्तिष्क का पोषण ठीक से न हो तो तब धीरे-धीरे हमारी स्मृति कमजोर होती चली जाती है। आयुर्वेदिक च्यवनप्राश में जड़ी-बूटियाँ होती हैं जो याददाश्त बढ़ाने में सहायक होती हैं। यह सभी आयु वर्ग के लिए समान रूप काम करता है। अध्ययनों में यह पाया गया है कि च्यवनप्राश के उपयोग से टीकाकरण कोशिकाओं (immunization cells) की गतिविधि बढ़ जाती है।

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डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।