By NS Desk | 11-Jan-2019
हिमालय पर दुनिया की सबसे महँगी जड़ी-बूटी : दुनिया में एक से बढ़कर एक महँगी औषधि और जड़ी-बूटियाँ हैं जिनकी कीमत जानकर आपको पसीना आ जाएगा. लेकिन आज हम जिस जड़ी-बूटी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसकी कीमत जानकर आपके होश उड़ जायेंगे. इस जड़ी-बूटी के एक किलोग्राम की कीमत 60 लाख रूपये प्रति किलोग्राम है. आप समझ रहे होंगे कि ये कोई मजाक है. लेकिन यकीन मानिए ये कोई मजाक नहीं बल्कि हकीकत है. इस जड़ी-बूटी का नाम यारशागुंबा है जिसे भारत में कीड़ा-जड़ी के नाम से जाना जाता है. यह हिमालय की ऊँचाइयों पर पाया जाता है और बहुत मुश्किल से मिलता है. इसी वजह से इसकी कीमत बहुत अधिक है. भारत में इसपर प्रतिबंध है. लेकिन चीन में इसकी जबरदस्त मांग है. इसलिए इसकी खूब तस्करी भी होती है और इसे पाने के लिए खुनी संघर्ष भी. यारशागुंबा की मांग तब ज्यादा बढ़ गयी जब चीनी महिला एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया और उनके बढे हुए स्टेमिना का कारण यारशागुंबा को बताया गया.
यारशागुंबा को मोटे तौर पर समझें तो ये एक तरह का जंगली मशरूम है जो एक खास कीड़े की इल्लियों यानी कैटरपिलर्स को मारकर उसपर पनपता है। इस जड़ी का वैज्ञानिक नाम है कॉर्डिसेप्स साइनेसिस और जिस कीड़े के कैटरपिलर्स पर ये उगता है उसका नाम है हैपिलस फैब्रिकस। स्थानीय लोग इसे कीड़ा-जड़ी कहते हैं क्योंकि ये आधा कीड़ा है और आधा जड़ी है लेकिन चीन-तिब्बत में इसे यारशागुंबा कहा जाता है। ये जड़ी 3500 मीटर की ऊंचाई वाले इलाकों में पाई जाती है। मई से जुलाई में जब बर्फ पिघलती है तब यह उगता है।”
यारशागुंबा को ढूंढना और पहचानना बेहद मुश्किल काम है. इसे पाने के लिए दुर्गम इलाकों की ख़ाक छाननी पड़ती है. ये नरम घास के बिल्कुल अंदर छुपा होता है और बड़ी कठिनाई से ही पहचाना जा सकता है।
स्टुअटगार्ड विश्व चैंपियनशिप में चीन की महिला एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया जब चीन की महिला एथलीटों ने 1,500 मीटर, 3,000 मीटर और 10,000 मीटर वर्ग में रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के बाद चीन की महिला एथलीट टीम के ट्रेनर 'मा जुनरेन' ने पत्रकारों को बयान दिया कि उन्हें यारशागुंबा का नियमित रूप से सेवन कराया गया है. उसके बाद ही दुनिया के नज़र में आ गया और इसकी कीमत आसमान को छूने लगी. भारत में सबसे पहले इन्द्र सिंह राईपा ने इस जड़ी-बूटी के बारे में पता लगाया.
फेफड़ों और किडनी के इलाज में इसे जीवन रक्षक दवा माना गया है. इसमें प्रोटीन, पेपटाइड्स, अमीनो एसिड, विटामिन बी-1, बी-2 और बी-12 जैसे पोषक तत्व बहुतायत में पाए जाते हैं जो तत्काल ताकत देते हैं. यौन उत्तेजना बढ़ाने वाले टॉनिक में भी इसका खूब प्रयोग होता है जिसके कारण कुछ लोग इसे हिमालय का वियाग्रा भी कहते हैं। लोगों में यह भ्रांति है कि यारशागुंबा सिर्फ सेक्स पावस बढ़ाने के ही काम आता है। लेकिन आयुर्वेद का मानना है कि इसका उपयोग सांस और गुर्दे की बीमारी में भी होता है। यह बुढ़ापे को भी बढ़ने से रोकता है तथा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। लेकिन चिंतनीय विषय है कि जरुरत से ज्यादा दोहन होने की वजह से यारशागुंबा की उपलब्धता कम होती जा रही है और इसलिए इसकी कीमत बढ़ती जा रही है.