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आयुर्वेद में 300 बीमारियों के उपचार में सहजन का उपयोग - Use of Drumstick in the treatment of 300 diseases in Ayurveda

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By NS Desk | 30-Mar-2019

Sahajan Drumstick

Drumstick

औषधीय गुणों से भरपूर सहजन - Drumstick (Sahjan) Medicinal Use in Hindi 

सहजन (drumstick or moringa) भारतीय मूल का पौधा है, लेकिन औषधीय गुणों के कारण यह अब पूरी दुनिया में पहुँच चुका है. इसकी खासियत है कि जल जमाव वाली ज़मीन को छोड़कर यह सभी तरह की ज़मीन में आसानी से उग जाता है. सहजन के पौधे लगाने के 4 से 6 महीने के अंदर फली देना शुरू कर देता है. यह साल में दो बार फली देता है.

सहजन एक ऐसा फली है जो औषधीय गुणों से भरपूर है. इसका वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा (moringa oleifera) है. इसे सुजना, सेंजन और मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है। सहजन की फली की स्वादिष्ट सब्जी बनती है. लेकिन इसका पूरा पेड़ ही पोषक तत्वों से भरपूर है और पत्तियां, छाल आदि सभी का अलग-अलग तरीके से उपयोग किया जाता है. पानी को साफ़ करने और हाथों की सफाई के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है.

आयुर्वेद में सहजन - Drumstick (Sahjan) in Ayurveda

आयुर्वेद में सहजन के प्रयोग से 300 बीमारियों का उपचार बताया गया है. इसके फली, हरी पत्तियों व सूखी पत्तियों में कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ए, सी और बी कॉम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. यह अपने आप में संपूर्ण आहार है जिसके उपयोग से शरीर में सभी प्रकार की तत्वों की कमी की पूर्ति की जा सकती है. सहजन में संतरे से सात गुना अधिक विटामिन सी, गाजर से चार गुना अधिक विटामिन ए, दूध से चार गुना कैल्शियम, केले से तीन गुना अधिक पोटैशियम और दही की तुलना में तीन गुना अधिक प्रोटीन मिलता है. सहजन के बीज से तेल निकाला जाता है और छाल पत्ती, गोंद, जड़ आदि से आयुर्वेदिक दवाएँ तैयार की जाती है। सहजन के फायदे - Drumstick (Sahjan) Benefits in Hindi ⇒ 

सहजन: रक्त शुद्ध करता है - Drumstick (Sahjan) Purify Blood

सहजन की पत्तियां खून की सफाई करने में सक्षम है. इसका रस पीने से रक्त शुद्ध होता है. साथ ही साथ शरीर में मौजूद हानिकारक अवयव भी पेशाब के रास्ते निकल जाता है.

सहजन: त्वचा रोगों में फायदेमंद - Drumstick (Sahjan) in Skin Diseases

सहजन में ऐसे पौष्टिक गुण है जो इसे पॉवरफुल एंटीबॉयोटिक बनाती है. इसके सेवन से त्वचा रोगों में फायदा मिलता है. इसे जूस या सूप के रूप में सेवन कर सकते हैं.

सहजन: दिल की बीमारी में फायदेमंद - Drumstick (Sahjan) in Heart Diseases

दिल की बीमारियों में सहजन की पत्तियों के रस का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। ये पेट के अंदरुनी हिस्सेफ में अतिरिक्ती कोलेस्ट्रॉ ल को अवशोषित करने में मदद करता है।

सहजन: ब्लड शूगर को नियंत्रित करने में सहायक - Drumstick (Sahjan) in Blood Sugar Control 

सहजन ब्लड शूगर को भी बड़े प्रभावी तरीके से नियंत्रित करता है. सहजन के पत्तेस में 'राइबोफ्लेविन' नामक तत्व पाया जाता है जो डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक होता है.

सहजन: संक्रामक रोगों से बचाता है - Drumstick (Sahjan) in Prevention from infectious diseases

सहजन में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. इसी गुण के कारण यह संक्रमण के खतरों को कम करता है. गर्भवती महिलाओं को संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. इसलिए उन्हें सहजन खाने की सलाह दी जाती थी. माहवारी संबंधी परेशानियों में भी काफी मददगार साबित होता है.

सहजन: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है - Drumstick (Sahjan) Improves Immunity 

सहजन में संतरे से सात गुना अधिक विटामिन सी पाया जाता है. यही वजह है कि सहजन हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर बीमारियों से हमें सुरक्षित रखता है.

सहजन: कब्ज की समस्या में फायदेमंद - Drumstick (Sahjan) in Constipation 

सहजन का सूप पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाने का काम करता है. इसमें मौजूद फाइबर्स कब्ज की समस्या नहीं होने देते हैं.

सहजन: चेहरा चमकाएं - Drumstick (Sahjan) for Face glow

सहजन में विटामिन बी, प्रो विटामिन, बीटा-कैरोटीन और प्रोटीन आदि प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। सहजन की हरी पत्तियों को पीसकर चेहरे एवं बालों में लगाने से लाभ मिलता है।चेहरे की चमक बढ़ती है.

सहजन: सेक्स लाइफ के लिए बेहतर - Drumstick (Sahjan) in Sex Power

सहजन के सूप के नियमित सेवन से सेक्सुअल हेल्थ बेहतर होती है. यह महिला और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से उपयोगी है. पुरुषों में यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और वीर्य को गाढ़ा करने में मददगार है।

लेकिन सहजन का अधिक प्रयोग से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी पैदा हो सकती है. इसलिए इसका प्रयोग संतुलित ही करना चाहिए.

सहजन का सूप बनाने की विधि ? - Drumstick (Sahjan) Soup in Hindi 

1- सहजन को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट ले.

2- दो कप पानी उबलने के लिए डाले.

3- पानी जब उबलने लगे तो इसमें कटे हुए सहजन को डाले.

4- धीमी आंच पर पकने दे.

5- पानी जब आधा बचे तब सहजन की फलियों के बीच का गुदा निकाले और उपरी हिस्से को निका दे. आपका सूप तैयार है.

6- अल्प मात्रा में नमक और काली मिर्च मिलाकर अब आप इसे पी सकते हैं.

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डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।