By NS Desk | 08-Jul-2019
BENEFITS OF JAMUN
जामुन आपने जरुर खाया होगा। बरसात के दिनों में फलने वाले इस मौसमी फल में स्वास्थ्य का खजाना छुपा है। मधुमेह (diabetes) के रोगियों के लिए तो यह रामवाण से कम नहीं। कुछ सावधानियों के साथ मधुमेह के रोगी इसका प्रचुर मात्रा में सेवन कर सकते हैं। मीठा-खट्टा होने के बावजूद इसका मधुमेह पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता। यह औषधीय गुणों से भरपूर फल है जिसके फायदे बेमिसाल है। इसके बीज का पाउडर भी कई बीमारियों में बेहद गुणकारी है। इसलिए इसे जरुर खाना चाहिए। सिर्फ सावधानी ये बरतनी है कि जामुन के फल को कभी खाली पेट नहीं खाना चाहिए और न ही कभी जामुन खाने के बाद दूध पीना चाहिए।
जामुन के फल में ग्लूकोज, फ्रक्टोज, विटामिन c, a, राइबोफ्लेविन, निकोटिन एसिड, फोलिक एसिड, सोडियम और पोटैशियम के अलावा कैल्शियम, फॉस्फोरस और जिंक एवं आयरन मौजूद होता है। जामुन के बीज में ग्लाइकोसाइड, जंबोलिन और गैलिक एसिड पाया जाता है जो बीमारियों के इलाज में सहायता करता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और कई गंभीर बीमारियों को होने से बचाता है।
आइये जानते हैं जामुन खाने के फायदों के बारे में -
मधुमेह के रोगियों को जामुन जरुर खाना चाहिए। जामुन और जामुन के बीज का पाउडर खाने से मधुमेह में बहुत अधिक फायदा होता है। यह सूगर को नियंत्रण में रखता है। जामुन डायबिटीज के लक्षणों, अधिक पेशाब और भूख को कम करने में मदद करता है। यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करता है और ब्लड शुगर को सामान्य बनाए रखता है।
पाचन क्रिया के लिए जामुन बहुत फायदेमंद होता है। जामुन खाने से पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं। रोज सुबह खाना खाने के बाद जामुन खाने से पेट साफ होता है। पेट के अंदर ऐंठन की समस्या दूर करने के लिए जामुन की छाल का काढा बनाकर पीने से दूर हो जाती है।
जामुन में एंटी कैंसर तत्व पाए जाते हैं। यह कीमोथेरेपी और रेडिएशन में भी फायदेमंद होता है।
जामुन में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होती है जिसका सेवन करने से शरीर से विटामिन सी की कमी दूर होती है।
जामुन का फल सामान्य संक्रमण से बचाने में मदद करता है। जामुन में जीवाणुरोधी, संक्रमणरोधी और मलेरिया रोधी गुण पाया जाता है। जामुन के फल में मैलिक एसिड, गैलिक एसिड, ऑक्जैलिक एसिड और बेटुलिक एसिड पाया जाता है।
पथरी की रोकथाम में भी जामुन खाना फायदेमंद होता है। इसके बीज को बारीक पीसकर पानी या दही के साथ लेने से पथरी में फायदा होता है।
जामुन को सेंधा नमक के साथ खाने से दस्त में काफी फायदा होता है। खूनी दस्त होने पर भी जामुन के बीज बहुत फायदेमंद साबित होते हैं।
दांत और मसूड़ों से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान में भी जामुन मदद करता है। जामुन के बीज से बने मंजन से दांत की सफाई करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं। जामुन के पते मसूड़ों के लिए फायदेमंद हैं। यदि मसूंडों के अंदर खून आता है तो जामून की गुंठली पीस कर नमक के साथ मसूडों पर लगाने से फायदा होता है। यदि मसूड़ों के अंदर सूजन आ रही है तो जामुन के पत्तों को उबाल कर कूल्ला करना चाहिए। यदि मूंह के अंदर दूर्गंध आ रही है तो जामून के पत्ते चूसने चाहिए ।
गठिया के उपचार में भी जामुन बहुत उपयोगी है। इसकी छाल को खूब उबालकर बचे हुए घोल का लेप घुटनों पर लगाने से गठिया में आराम मिलता है।
एनीमिया और एसिडिटी में जामुन के सेवन से फायदा होता है। यह कमजोरी और एसिडिटी को दूर करता है। काले नमक और भुना जीरा के पाउडर को जामुन के साथ सेवन करने से एसिडिटी में बहुत ज्यादा फायदा होता है।
किडनी की समस्या को दूर करने में भी जामुन का उपयोग किया जाता है। जामुन के बीज का पाउडर दही में मिलाकर खाने से किडनी के स्टोन सहित किडनी की अन्य दिक्कतें भी दूर हो जाती है।
आवाज को साफ और सुरीला बनाने मे भी जामुन मददगार होता है। जामुन का चूर्ण रोज चाटने से आवाज साफ और सूरीली बनती है।
यदि लिवर के अंदर किसी प्रकार की समस्या है तो सुबह शाम जामुन का रस पीना चाहिए जिससे लिवर की समस्या ठीक हो जाएगी।
जामुन के बीजों का प्रयोग चेहरे के मुहांसे (पिंपल्स) को हटाने के लिए किया जाता है। बीजों को पीस कर दूध मिलाकर पेस्ट बनाकर सोने से पहले चेहरे पर लगाएं ऐसा कई दिनों तक करें जिससे चेहरा साफ होगा और चेहरे के दाग धब्बे दूर हो जाते हैं।
असमय बालों का सफेद होना आजकल आम बात है। जामुन का सेवन इसमें लाभकारी सिद्ध होता है। इसके रस के नियमित सेवन से बाल काले बने रहते हैं। इस फल मे सुन्दरता को बढाने के गुण होते है। ये खून साफ करके वृद्धि करता है जिसके फल स्वरुप चेहरे पर निखार आता है। जामुन का सिरका सौंदयवर्धक होता है। इसके नियमित सेवन से सौन्दर्य बढेगा। एक गिलास पानी में दो चम्मच सिरका मिलाकर पीने से चेहरे की चमक बढ़ती है।
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