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मिसकैरेज के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपाय - Miscarriage ke Karan, Lakshan aur Ayurvedic Upay

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By Dr. Bhawana Bhatt | 10-Feb-2021

miscarriage

मिसकैरेज, यह एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में लगभग सभी लोगो ने फिल्मो में या वास्तिक जीवन में सुना ही होगा। चिकित्सीय भाषा में इसे स्पॉन्टेनियस एबॉर्शन बोला जाता है। गर्भावस्था के २० सप्ताह पुरे होने के पहले ही अर्थात भ्रूण के पूर्ण रूप से विकसित होने से पहले ही गर्भावस्था का सहज ही समाप्त हो जाना ही मिसकैरेज कहलाता है। यह महिला को शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से नुकसान देने वाला तथा दर्दनाक होता है। 
प्रकार- 
1. Threatened 
2. Inevitable 
3. Complete 
4. Incomplete 
5. Missed

आयुर्वेद के अनुसार मिसकैरेज - Miscarriage According to Ayurveda in Hindi

आयुर्वेद में मिसकैरेज का वर्णन गर्भस्राव नाम से आया है। चरक आदि सभी आचार्यो ने गर्भस्राव का वर्णन इस प्रकार किया है- गर्भावस्था के चौथे महिने तक अर्थात जब गर्भ द्रव रूप में होता है उस समय गर्भ के स्वस्थान से अलग होकर गिरने को गर्भस्राव कहते है। 
मधुकोष व्याख्याकार भोज ने गर्भस्राव की मर्यादा तीन महिने तक मानी है।

मिसकैरेज के लक्षण

1. गर्भाशय , कटी (क़मर ), वंक्षण प्रदेश में दर्द होना। 
2. योनि मार्ग से दर्द के साथ या बिना दर्द के रक्त स्राव होना। 
3. मूत्र संग अर्थात मूत्र का रुक जाना।

चिकित्सीय परामर्श कब ले ? - When to Seek Medical Advice in Hindi?

वैसे तो मिसकैरेज होने का अंदेसा होने पर तुरंत या कुछ समय पश्चात ही डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए परन्तु यदि मिसकैरेज होने पर आपको  रक्त स्राव तथा दर्द होने से अलग यदि बुखार , ठण्ड लगाना , शरीर में कम्पन होना आदि लक्षण दिखाई दे तो तुरंत बिना देर किये हुए चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए क्योकि ये लक्षण शरीर में होने वाले इन्फेक्शन की ओर इशारा करते है और यदि समय रहते इन्फेक्शन सही न किया जाये तो आगे चलकर महिला को काफी परेशानियों का सामना करना पड सकता है।

मिसकैरेज के कारण - Causes of Miscarriage in Hindi

आधुनिक चिकित्सा शास्त्रियों के अनुसार ५० % मिसकैरेज आनुवंशिक कारणों से , १०-१५ % अन्तःश्रावी (एंडोक्राइन ) तथा चयापचय (मेटाबोलिक) कारणों जैसे - luteal phase defect(LPD), thyroid abnormalities like hypo or hyperthyroidism, diabetes से , १०-१५% ऐनाटॉमिकल विकृतियों जैसे सर्वाइकल इंकपेटेंस , congenital malformation of the uterus , uterine fibroid से , ५% rubella , Chlamydia जैसे इन्फेक्शन्स की वजह से तथा ५-१०% इम्युनोलॉजिकल डिसऑर्डर्स के कारण होते है।

आयुर्वेद के अनुसार मिसकैरेज के कारण - Causes of Miscarriage in Ayurveda in Hindi

1. महिला का पुत्रघ्नी , वामिनी , अप्रजा जैसे योनि विकारो से ग्रसित होना।
2. गर्भ धारण के पश्चात भी अधिक मात्रा में व्यायाम करना
3. विषम स्थान अर्थात उबड़ खाबड़ रास्तों से पैदल चलकर या गाड़ी से जाना।
4. अधिक मात्रा में गर्म भोज्य पर्दार्थो जैसे मांसाहार , कच्चे पपीते , गुड़ , अखरोट , बादाम आदि का सेवन करना। ५-मैथुन करना।
5. आये हुए मल मूत्र आदि के वेगो को रोकना ।
6. उपवास करना
7. गर्भाशय , रज तथा शुक्र में किसी प्रकार की विकृति होना
8. क्रोध
9. शोक
10. भय

मिसकैरेज के डायग्नोसिस - Diagnosis of Miscarriage in Hindi

1. सोनोग्राफी (टी . वी .एस ) 
2. यूरिन एनालिसिस 
3. कम्पलीट ब्लड सेल काउंट (सी. बी. सी. )

मिसकैरेज से बचाव - Prevention of Miscarriage in Hindi

1. यदि आपको योनि  मार्ग से सम्बंधित या फिर माहवारी से सम्बंधित कोई बीमारी हो तो पहले उसका उपचार कराये। 
2. गर्भ धारण के पश्चात चिकित्सक द्वारा बताई बातों का पालन करे। 
3. अधिक  मात्रा में परिश्रम करना , गर्म चीजों का सेवन करना तथा ऐसे सभी कार्य जो गर्भ के स्राव का कारण 
बनते है उनका परित्याग करना चाहिए।

प्रश्न उत्तर - Question & Answer in Hindi

प्रश्न- मिसकैरेज होने पर कितने समय तक शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए? 
उत्तर-
मिसकैरेज होने पर लगभग तीन से चार महीने तक सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए। 

प्रश्न - मिसकैरेज होने के बाद दुबारा से माँ बनने की सम्भावना कितने % होती है ? 
उत्तर-
यदि मिसकैरेज के कारणों का पता लगा उनकी संपूर्ण चिकित्सा की जाये तथा मिसकैरेज होने के एक निश्चित समय बाद ही फिर से प्रेग्नेंट होने का सोचा जाये तो मिसकैरेज होने के बाद दुबारा से प्रेग्नेंट होने की सम्भावना ८५-९५% होती है। 

प्रश्न- बार बार होने वाले मिसकैरेज का क्या कारण होता है? 
उत्तर-
बार बार मिसकैरेज होने के कई कारण हो सकते है जैसे किसी बीमारी (थाइरोइड , डायबिटीज आदि ) से ग्रसित होना , मोटापा आदि। 

प्रश्न- मिसकैरेज के केस में आयुर्वेद उपचार कितना कारगर है ? 
उत्तर-
मिसकैरेज अर्थात बार बार गर्भास्राव होने पर आयुर्वेद में संशोधन चिकित्सा कर के द्वारा तथा   गर्भस्राव होने के कारण का  पता लगा उसको जड़ से खत्म किया जाता है। अतः मिसकैरेज के केस में आयुर्वेद का उपचार काफी कारगर है।

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।