जोड़ो का दर्द - सन्धिवात(Arthritis) : आज हमारे परिवार में बड़े बुजुर्ग जिस तकलीफ से ज्यादा त्रस्त है वो है जोड़ो के दर्द। आम जनता के लिए जोड़ो का दर्द केवल एक प्रकार का ही लगता है । किंतु एक वैद्य या चिकित्सक के नजरिये से देखा जाए तो संधिवात, आमवात, वातरक्त इत्यादि अनेक प्रकार से होते है जिनकी चिकित्सा भी अलग होती है।
संधिवात
शरीर के सभी जोड़ों(संधियों) में या कोई विशेष जोड़ में दर्द होना संधिवात कहलाता है। संधि मतलब शरीर मे जहाँ दो या दो से ज्यादा हडडियों(अस्थियों) का मेल होता है जैसे घुटना, कन्धा, मन्या(गर्दन),कमर इत्यादि इन स्थानों पर वात दोष की गड़बड़ी की वजह से रुक्षता बढ़ जाती है । इन सन्धियों में मौजूद तरल द्रव की कमी होने से हड्डियों में घर्षण होता रहता है। जब इनका अति होजाता है तो एक अवस्था के बाद उन जोड़ो में दर्द होना शुरू हो जाता है । जिसे संधिवात कहा जाता है।
लक्षण (कैसे पहचाने।
ज्यादातर उंगलियो के जोड़ो में, अंगूठे के मूल में, मन्या, पीठ के निचले हिस्से में, पैर के अँगूठे, कमर और घुटनों में दर्द होना व सूजन होना
वजन उठाने पर दर्द बढ़ जाना
सामान्यतः एक घुटने में ज्यादा तकलीफ
सो कर उठने पर अकड़न महसूस होना
रीड़ की हड्डियों में गड़बड़ी की वजह से हाथों या पैरों में झुनझुनी,दर्द या कमजोरी जैसे लक्षण मिलते है।
संधिवात के कारण
गलत खान पान व असमय खानपान
उपवास अधिक करना
नियमित बासी भोजन खाना
अत्यधिक ठंडी चीजे जैसे कुल्फी,कोल्डिक, फ़ास्ट फूड दही,चावल इत्यादि खाना
व्यायाम बिल्कुल न करना या अतिमात्रा में व्यायाम करना
वयानुसर हड्डियों की गुणवता में कमी होना
भोजन के तुरंत बाद आराम करना
ठंड स्थान या AC, कूलर के आगे काफी समय से सोने की वजह से
वजन ज्यादा होने की वजह से सन्धियों पर भार ज्याद होना
रक्त की कमी होने से
कभी कोई चोट या आघात होने की वजह से।
डॉक्टर को दिखाने का समय
जब चलते समय जोड़ो में दर्द बहुत अधिक होगया हो
चलने में ,उठकर बैठने में दर्द, सूजन आने पर या फिर जोड़ो की जगह पर वक्रता होगयी हो ,तो तुरंत वैद्य या चिकित्सक के पास जाएं।
कौन-कौनसी जांच करवाना जरूरी
X-ray- ग्रस्त सन्धियों का X-ray करवाना जरूरी है ,इससे यह पता लगेगा कि उस स्थान पर कोई विकृति तो नही हुई है।
रक्त जांच- रक्त कमी ,या अन्य कोई इंफेक्शन का पता लगाने के लिए।
Bone Mass Density- अस्थियों की गुणवता जांचने के लिए
संधिवात से बचने के उपाय
सही तरीके से नियमित व्यायाम करें
अपने शरीर प्रमाण व बल के अनुसार वजन बना कर रखे
कोई चोट लगी हो तो तुरंत अच्छे से उसका उवचार करवाये।
सन्धिवात ठीक करने के लिए घरेलू उपचार
2 लीटर पानी में 20 gm कुचला हुआ आद्रक या 10 gm पिसी हुई शोठ मिलाकर उबाले । जब आधा शेष रहे तो ठंडा होने पर पिये।
लहसुन 10-15gm, गुड 2gm चटनी बनाकर खाये
सरसो का तैल और तारपीन का तैल बराबर वजन में मिलाकर जो़ो पर मालिश करे।
काली मिर्च लौंग और जायफल की पोटलिया बनाकर सेक करे
मेथी दाना ,कलौंजी अजवायन चूर्ण मिलाकर 1 चम्मच सुबह शाम ले।
सावधान, अगर इन सब का प्रयोग करने पर भी कुछ दिनों में आराम न मिलता हो तो तुरंत वैद्य या डॉक्टर की सलाह ले।
आहार
यह खाएं -गेहू की रोटी ,उबली हुई सब्जियां, मूंग व मसूर की दाल, चीनी के स्थान पर गुड़ व शहद का प्रयोग,दूध,मुनक्का,सेब ,अंगूर इत्यादि फल खाएं।
यह न खाएं -सलाद, ठन्डी चीजे,आइसक्रीम,ठंड पेय,केक,फास्ट फूड ,दही,चावल ,घी,तैलीय पदार्थ जैसी चीजें न ले। सब्जियों में अरबी ,भिंडी आलू टमाटर न खाए।
विहार
नियमित हल्का व्यायाम करें। पैदल चले।
शरीर को गर्म रखे।
शरीर का भार अनुपात में रखे।
भोजन के तरंत बाद या दिन में न सोयें।
ठंडे पानी से स्नान , या ठन्डी जगहों पर वास न करे