एनीमिया की परिभाषा - Anemia Defination in Hindi
सामान्य भाषा में शरीर में खून की कमी होने की एनीमिया कहा जाता है लेकिन चिकित्सीय परिभाषा के अनुसार एनीमिया वह अवस्था है जिसमे रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा अर्थात लाल रक्त कणिकाओं की संख्या सामान्य से इतनी कम हो जाए की वह उस व्यक्ति की शारीरिक आवश्यकता को भी पूर्ण न कर पाए।
आयुर्वेद में एनीमिया - Anemia in Ayurveda
एनीमिया स्वतंत्र व्याधि होने के साथ साथ कई व्याधियों जैसे ख़ूनी बवासीर, रक्तप्रदर, डेंगू , मलेरिया या अन्य कोई व्याधि जिसमे रक्त का क्षय होता हो, उनमें उपद्रवस्वरुप भी देखने को मिलता है। वैसे तो एनीमिया बहुत छोटी सी व्याधि प्रतीत होती है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यह सबसे गंभीर वैश्विक सार्वजनिक समस्याओं में से एक है। आयुर्वेद में इसे पाण्डु नाम से कहा जाता है , जो मुख्य रूप से पित्त ( भ्राजक पित्त ) तथा पितवर्गीय रक्त की दुष्टि या अल्पता से होता है।
एनीमिया के लक्षण - Anemia Symptoms in Hindi
- त्वचा नख नेत्र का वर्ण पीला सफ़ेद हो जाना
- थोड़ा सा काम करने पर ही पूरे शरीर में कमजोरी का अनुभव होना
- सांस फूलना
- नेत्र के आस पास सूजन होना
- हृदय गति का बढ़ जाना
- स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाना
- घबराहट होना
- हमेशा नींद आते रहना
- पिंडलियों , कमर और पैरों में दर्द होना
- ठंडी चीजे पसंद न होना।
एनीमिया के कारण - Anemia Causes in Hindi
- किसी बीमारी के चलते या किसी अन्य कारण की वजह से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं या हीमोग्लोबिन का कम मात्रा में बनना या अधिक मात्रा में लाल रक्त कणिकाओं का नष्ट होना।
- भूखा रहना
- लौह युक्त आहार का सेवन बिलकुल न करना या कम मात्रा में करना।
- रक्तस्रावजन्य बीमारियों जैसे रक्तार्श , रक्तपित्त , रक्तप्रदर , हीमोफिलिया आदि से ग्रसित होना।
- पाचन शक्ति का कम होना।
- यकृत सम्बंधित कोई विकार होना।
- शक्ति से अधिक व्यायाम करना।
- दिवास्वपन( सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक किसी भी समय सोना।
- दुर्घटना होने या आघात लगने पर अत्यधिक मात्रा में रक्तस्राव हो जाना।
- अत्यधिक मात्रा में खट्टे , मिर्च मसालों वाले तथा नमक युक्त आहार का सेवन करना।
- आये हुए मल - मूत्र आदि के वेगों को रोकना।
- मिट्टी खाना।
एनीमिया डायग्नोसिस - Anemia Diagnosis
- सी बी सी ( कम्पलीट ब्लड सेल काउंट )
- बोन मेरो एनालिसिस
एनीमिया से बचने के लिए हमें क्या-क्या खाना चाहिए?
- पाचन तंत्र को अच्छा बनाये रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करे।
- अपने आहार में रक्त को बढ़ाने वाले भोज्य पदार्थो जैसे पालक , किसमिस , अनार , चुकुन्दर , आंवला , छुहारे आदि को शामिल करे।
- गेहूं , यव तथा मूंग , अरहर , मसूर की दाल का सेवन करे।
- खाना बनाने के लिए आयरन के बर्तन का प्रयोग करे।
- पचने में आसान भोजन का सेवन करे।
एनीमिया में क्या न करे?
- मिर्च मसालो युक्त भोजन का सेवन अधिक मात्रा में न करे।
- दिवास्वपन न करे।
- अधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन न करे।
- नॉन वेज, अंडा तथा पचने में भारी और अपच करने वाले आहार का सेवन न करे।
एनीमिया के घरेलू उपाय ? - Anemia Home Remedies in Hindi
- २५-३० किसमिश लेकर उनको रात भर पानी में भिगो दे और सुबह नाश्ते में खा ले।
- दूध के साथ ख़जूर और भीगे हुए अंजीर का सेवन करे।
- २-३ चम्मच मेथी में बीज लेकर रात में भिगो दे और फिर सुबह इस भीगी हुए मेथी में चावल बनाकर उसमे सैंधा नामक मिलकर लगभग एक महिने तक सेवन करे।
- काले तिल को २-३ घंटे तक गर्म पानी में भिगो कर उसका पेस्ट बना ले फिर इस पेस्ट में गुण और शहद मिलाकर दूध से ले।
- तक्र का सेवन करे।
एनीमिया से संबंधित प्रश्न और उत्तर - Anemia Related FAQs in Hindi
प्रश्न - क्या एनीमिया एक आनुवंशिक विकार है?
उत्तर - सभी तो नहीं लेकिन कुछ एनीमिया आनुवंशिक होते है जैसे सिक्क्ल सेल एनीमिया , थलेसिमिआ आदि ।
प्रश्न - यदि समय से एनीमिया का उपचार न किया जाये तो क्या कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते है?
उत्तर - यदि समय से एनीमिया का उपचार न कराया जाये तो ह्रदय और फेफड़ो सम्बन्धी विकार होने का खतरा बढ़ जाता है।
प्रश्न - एनीमिया का मुख्य लक्षण क्या है?
उत्तर- एनीमिया का मुख्य लक्षण है थोड़ा सा काम करने पर ही कमजोरी का अनुभव होना , आँखों के सामने अँधेरा छा जाना।
प्रश्न - गर्भावस्था के दौरान होने वाले एनीमिया कौन से है?
उत्तर- गर्भावस्था के दौरान मुख्य रूप से होने वाले एनीमिया है - आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया , फॉलेट डेफिशियेंसी एनीमिया , विटामिन बी की कमी से होने वाला एनीमिया।
प्रश्न - गर्भावस्थाजन्य एनीमिया के क्या क्या कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते है?
उत्तर- गर्भवस्थाजन्य एनीमिया का यदि समय रहते उपचार न किया जाये तो इसकी वजह से विभिन्न प्रकार की जन्म्जात विकृति जैसे इस्पीना बाइफिडा जो की एक प्रकार की न्यूरल टियूब विकृति है हो जाती है और साथ ही समय पूर्व प्रसव होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है।
प्रश्न -आयुर्वेद में एनीमिया के लिए क्या उपचार है?
उत्तर-आयुर्वेद में एनीमिया का वर्णन पाण्डु नाम से आया है और इसके उपचार के लिए तीक्ष्ण वमन और विरेचन कराने को कहा गया है।