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एसिडिटी की समस्या से बचने के आयुर्वेदिक घरेलू उपाय

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By Dr Pooja Kohli | 01-Nov-2019

एसिडिटी का घरेलू उपचार (home remedies for acidity)

पेट में गैस बनना या एसिडिटी होना आजकल एक आम समस्या है। इसके लिए बाज़ार में ढेरों अंग्रेजी दवाइयां उपलब्ध है । इन दवाइयों से तुरंत आराम तो मिल जाता है लेकिन स्थायी समाधान नहीं मिलता और दीर्घकाल में इसके दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) भी दिखाई देते हैं। दरअसल इस समस्या की सबसे बड़ी वजह खान-पान और अव्यवस्थित जीवनशैली है। यदि हम अपने खान-पान और जीवनशैली में परिवर्तन कर ले तो इस समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके लिए कुछ घरेलू नुस्खे हैं जिन्हें अपनाकर एसिडिटी की समस्या से बचा जा सकता है। आयुर्वेद में भी इसके बारे में वर्णित है। आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में जिनके प्रयोग से एसिडिटी की समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है -

- सुबह की शुरुआत आप यदि गुनगुने पानी पीने से करते हैं तो एसिडिटी की समस्या में काफी फायदा होता है। उसके अलावा गुनगुने पानी में थोड़ी सी पिसी काली मिर्च तथा आधा नींबू निचोड़कर नियमित रूप से सुबह पीने से भी लाभ होता है।

- खाने के बाद सौंफ खाने से भी एसिडिटी में राहत मिलती है। यह माउथ फ्रेशनर के साथ-साथ पाचन में भी मददगार है। सौंफ पेट में ठंढक पैदा करके एसिडिटी में राहत देता है। सौंफ को सीधे चबाकर या फिर इसकी चाय बनाकर पीया जा सकता है।

- अदरक का सेवन भी एक कारगर तरीका है। एसिडिटी होने पर अदरक के टुकड़े पर काला नमक छिड़कर चूसें। तुरंत आराम मिलेगा क्योंकि इसमें एसिडिटी में आराम पहुंचाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व मौजूद होते हैं। अदरक को पानी के साथ उबालकर भी पीया जा सकता है।

- ठंढा दूध एसिडिटी के लिए रामवाण उपाय है। ठंढे दूध में मौजूद कैल्शियम एसिडिटी के दर्द को शांत कर देता है। इसलिए जब भी आपको गैस की वजह से पेट में दर्द या जलन महसूस हो तो ठंढे दूध का सेवन कर सकते हैं।

- पेट में जलन की समस्या होने पर केला बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक एंटासिड एसिडिटी को कम करता है जिससे पेट की जलन कम होती है। खासकर गर्मियों में इसके सेवन से काफी राहत मिलती है।

- विटामिन-सी से भरपूर आंवला एसिडिटी में भी फायदेमंद होता है। आंवले को काले नमक के साथ या उबालकर या फिर मुरब्बे या जूस के रूप में खा सकते हैं। आंवला और एलोवेरा का मिश्रित जूस भी पिया जा सकता है।

- यदि आप चाय पीने के शौकीन हैं तो दूध की चाय की बजाए हर्बल टी का इस्तेमाल करें। एसिडिटी में आराम मिलेगा।

- औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी एसिडिटी की समस्या में तुरंत राहत देता है और ये आसानी से हर जगह उपलब्ध भी है। इसकी पत्तियों में वायुनाशक और वात हरने वाले गुण होते है जिससे गैस की समस्या से निजात पाने में मदद मिलती है। खाने के बाद तुलसी के कुछ पत्तों को चबाएं या फिर गर्म पानी में डालकर इसका सेवन किया जा सकता है।

- नारियल पानी खूब पीये, एसिडिटी में आराम मिलेगा।

- लौंग चबाने से भी एसिडिटी का इलाज होता है।

- चोकर सहित आटे की रोटी खाने से एसिडिटी और गैस में फायदा होता है।

- अजवायन को पानी में उबालकर और ठंढा होने पर छानकर पीने से भी एसिडिटी में काफी फायदा होता है। अजवायन को तवे पर भूनकर काली नमक के साथ मिलाकर पानी के साथ भी ले सकते हैं। इससे तुरंत राहत मिलेगी और मुंह का स्वाद भी अच्छा हो जाएगा।

- इलायची सिर्फ मुंह को ही सुंगधित नहीं रखता, बल्कि एसिडिटी से भी बचाता है। एसिडिटी की समस्या होने पर इलायची को मुंह में रखकर चूसते रहे। पेट की जलन शांत होगी।

- पुदीने के पत्ते के सेवन से पेट की जलन शांत होती है। पीसी हुई पुदीना को काले नमक के साथ मिलाकर पिया जा सकता है।

- जीरे के पानी के सेवन से भी एसिडिटी में फायदा होता है। इसे उबालकर पिया जा सकता है।

- एसिडिटी से पीड़ित लोगों को मूली खूब खाना चाहिए। इसे आप सलाद के रूप में ले सकते हैं। इसपर काला नमक छिड़कर खायेंगे तो और भी अधिक फायदा होगा।

- ईसबगोल के रात में सेवन से भी एसिडिटी में फायदा होता है। इससे पेट भी साफ़ रहता है।

- गुड़ में मैग्नीशियम और एल्कलाइन (क्षारीय) पाया जाता है जो एसिडिटी को कम करने और पाचनतंत्र को मजबूत करने में सहयोग प्रदान करता है। खाना खाने के बाद गुड़ का एक टुकडा आप खा सकते हैं। इसके कई फायदे होंगे।

- नींबू पानी में थोड़ी चीनी मिलाकर पीने से भी एसिडिटी नहीं होती। लंच के कुछ समय पहले इसे लेंगे तो ज्यादा फायदा होगा।

- मुन्नका और गुलकंद भी एसिडिटी में कारगर है। मुन्नका को एक गिलास दूध में उबालकर खाया जा सकता है। ये अम्लपित्त को खत्म करते हैं।

खान-पान के अलावा आयुर्वेद में वर्णित दिनचर्या का पालन भी अति आवश्यक है। इसके लिए जरुरी है कि आप जल्द सोएं और जल्द उठे। यदि हम देर रात तक जगते हैं और फिर सुबह देर से उठते हैं तो इससे पित्त बढेगा और एसिडिटी की समस्या से निजात पाने में मुश्किल होगी। तब ये घरेलु नुस्खे भी ज्यादा प्रभावी साबित नहीं होंगे। उसके अलावा भोजन के बीच में लंबा अंतराल भी नहीं होना चाहिए। तली - भूनी चीजें, बेकरी प्रोडक्ट्स, अचार और आयुर्वेद में वर्णित विरुद्ध आहार से भी यथासंभव बचे। जल्दी - जल्दी खाना न खाएं. खाने को आराम से चबा-चबा कर खाएं. छोटे - छोटे निवाले लें. खाते समय पानी न पिएं. खाना खाते समय बातचीत न करे. खाते समय बातचीत करने से खाने के साथ-साथ वायु (एयर) भी अंदर चला जाता है जो गैस बनने में मददगार होता है. खाली पेट फल न ले. बाहर के खाने, मांसाहर, वाइन, शराब और फास्ट फूड से बचे. यथासंभव घर का बना ताजा भोजन नियत समय पर करे. तनाव से बचे. तनाव की वजह से भी गैस बनता है. खाने में खासकर चावल, बैंगन, आलू, काला चना, चने का आटा, अधिक खट्टी चीजें, दही, कॉफी और दूध की चाय आदि एसिडिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचे. इसके अलावा गहरी नींद लें और सुबह की सैर पर जाएँ। यदि आप ऐसा करेंगे तो एसिडिटी या अम्लपित्त की समस्या आपको कभी नहीं होगी।

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डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।