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90 फीसदी लोगों को लगता है, तकनीक पड़ोस को महामारी में साथ लाई : रिपोर्ट

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By NS Desk | 08-Jul-2021

नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। युवा और बूढ़े सहित 90 फीसदी लोगों का मानना है कि कोविड महामारी के दौरान प्रौद्योगिकी पड़ोस के समुदायों को एक साथ ले आई, जिससे उनके लिए समुदाय के मुद्दों को मूल रूप से हल करना आसान हो गया और समय की बचत हुई। सामुदायिक ऐप माइगेट की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई।

माइगेट की ट्रस्ट सर्कल शीर्षक वाली रिपोर्ट में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोच्चि, कोलकाता, मुंबई, पुणे में सभी उम्र के 2,867 से अधिक भारतीयों के प्रतिभागियों को शामिल किया गया था।

लोग मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए प्रौद्योगिकी पर निर्भर थे। व्हाट्सएप वीडियो, फेसटाइम, स्काइप, जूम और गूगल मीट ने जुड़े रहने और महामारी से प्रेरित अकेलेपन का मुकाबला करने के लिए एक नया अर्थ जोड़ा।

लगभग 43 प्रतिशत उत्तरदाताओं की आयु 45 वर्ष से अधिक (28 प्रतिशत) सहस्राब्दी (27 प्रतिशत) के रूप में थी और जनरल जेड (27 प्रतिशत) स्वीकार करते हैं कि कोविड महामारी के बाद, वे जुड़े रहने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना जारी रखेंगे। रिपोर्ट में दिखाया गया है कि उनका पारिस्थितिकी तंत्र पीढ़ियों में प्रौद्योगिकी के उपयोग की स्वीकृति को प्रदर्शित करता है।

माइगेट के सीटीओ और को-फाउंडर श्रेयंस डागा ने आईएएनएस को बताया, जहां लंबी दूरी से अलग हुए लोगों को एक साथ लाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जाता रहा है, वहीं महामारी में इसने पड़ोसियों को करीब ला दिया है।

डागा ने कहा, जबकि कुछ समय के लिए हाउसिंग सोसाइटियों में तकनीक मौजूद है, इसका उपयोग समाज के नियमों को सीखने या शिकायत करने जैसे व्यावहारिक उद्देश्यों तक सीमित था। महामारी में, हालांकि, हमने इस संबंध में बड़े बदलाव देखे हैं। महत्वपूर्ण में भागीदारी निर्णय, चुनाव, समाज समारोह, कार्यक्रम और यहां तक कि नागरिक मामलों में भी, इनमें से अधिकांश वस्तुत: किए गए हैं, हमारे शोध में, 90 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा है कि प्रौद्योगिकी उनके समुदाय को एक साथ लाने के लिए महत्वपूर्ण है।

पुरुषों (62 प्रतिशत) को महिलाओं (40 प्रतिशत) की तुलना में किसी भी मदद या जानकारी के लिए अपने पड़ोस में प्रौद्योगिकी पर अधिक निर्भर पाया गया।

लगभग 44 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर आदि जैसे सेवा प्रदाताओं की विश्वसनीयता को सत्यापित करने के लिए प्रौद्योगिकी की ओर रुख करते हैं।

डागा ने कहा, महामारी की अनिश्चितता में, इसने स्थानीय समुदायों को मजबूत किया, जो एक बहुत ही सकारात्मक विकास रहा है। यदि प्रौद्योगिकी, एक समर्थन प्रणाली के रूप में, दूसरों से आगे निकलने लगती है, तो निश्चित रूप से यह चिंता का कारण हो सकता है, जैसा कि कई अध्ययनों ने किया है। हालांकि, हमारे शोध इस समय विपरीत की ओर इशारा करते हैं, हमारे जीवन में लोगों की भूमिका और मानव कनेक्शन की आवश्यकता की मजबूत स्वीकृति के साथ।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।