By NS Desk | 23-Jul-2021
इस अभ्यास का उद्देश्य राज्य की राजधानी में महामारी की तीसरी लहर की जांच करना है।
लखनऊ के नए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) मनोज अग्रवाल ने कहा कि अभियान के लिए शहर को 24 सेक्टरों में बांटा गया है।
प्रत्येक सेक्टर में 70 रैपिड रिस्पांस टीमें आबादी की जांच करेंगी और संदिग्ध मामलों की सैंपलिंग करेंगी।
अगर इन सेक्टरों में या दूसरे राज्यों से आने वाला कोई व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका सैंपल भी जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा।
दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों का परीक्षण करने के लिए हवाई अड्डे और रेलवे और बस स्टेशनों पर पहले से ही एक परीक्षण अभियान चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले साल 11 मार्च को फैलने के बाद से लखनऊ में 2.38 लाख से अधिक कोविड -19 मामले सामने आए हैं।
इनमें से करीब 41 फीसदी संक्रमण अलीगंज, चिनहट, आलमबाग, एनके रोड, सरोजिनी नगर चौक, कैसरबाग, ऐशबाग और पुराने शहर के अन्य इलाकों से आए।
सीएमओ ने कहा कि लक्षित नमूने प्रारंभिक चरण में संचरण की पहचान करने में मदद करेंगे और लोगों के संक्रमण को दूसरों तक जाने से रोकेंगे।
यह किसी नए वेरिएंट का पता लगाने में भी मदद करेगा।
--आईएएनएस
एमएसबी/आरजेएस