By NS Desk | 10-Aug-2021
प्रयोगशाला के कर्मचारियों, ग्राम निगरानी समिति के सदस्यों और स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों सहित ग्यारह कर्मचारियों को काम में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है।
कुशीनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) सुरेश पटारिया ने कहा कि शनिवार को जिले के रामकोला, हाटा और पडरौना प्रखंड के 20 लोगों के नमूने प्रयोगशाला में पॉजिटिव आए। इन लोगों का इलाज, संपर्क ट्रेसिंग और गांव में अन्य लोगों के परीक्षण के लिए टीमों को प्रतिनियुक्त किया गया था।
जहां 17 लोगों के सेल फोन स्विच ऑफ पाए गए, वहीं गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में प्रयोगशाला में तीन के नमूने फिर से परीक्षण के लिए इक्ठ्ठे किए गए थे।
प्रारंभिक जांच के दौरान, नमूने इक्ठ्ठे करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों ने संदिग्ध पॉजिटिव मामलों के गलत पते का उल्लेख किया था।
जिला प्रशासन की ओर से भेजी गई टीमें स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज पतों पर इन संदिग्ध कोविड मरीजों का पता नहीं लगा सकीं।
इसके अलावा, प्रयोगशाला के कर्मचारियों ने 17 लोगों के नमूने नष्ट कर दिए, जबकि प्रयोगशाला के लिए पॉजिटिव मामलों के नमूने संग्रहीत करना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा, निगरानी समिति के सदस्यों के साथ-साथ तीनों प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात कर्मचारियों की ओर से ड्यूटी में लापरवाही बरती गई है।
सीएमओ (गोरखपुर) सुधाकर पांडे ने कहा कि इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया है और संपर्क ट्रेसिंग के लिए टीमों को भेजा गया है।
--आईएएनएस
एसएस/आरजेएस