By NS Desk | 09-Jul-2021
दोनों गांव तमिलनाडु के कल्लाकुरुचि जिले में हैं।
दिलचस्प बात यह है कि जिले के दस प्रखंडों में चलाए गए अभियान में गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं का भी टीकाकरण किया गया।
सिक्कमपेट्टू गांव में, कुल जनसंख्या 1,026 है और उन लोगों को छोड़कर जो चिकित्सा आधार पर टीकाकरण नहीं कर सकते हैं और जिनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं, पात्र जनसंख्या 790 थी और इसमें 15 गर्भवती महिलाएं शामिल थीं। इन सभी को गांव में कोविड का टीका लगाया गया।
देवी अगरम गांव ने भी 1,294 लोगों का टीकाकरण किया जो इसकी कुल पात्र आबादी थी।
कल्लाकुरुची जिला कलेक्टर पी.एन. श्रीधर ने कहा कि डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और राजस्व अधिकारियों की एक टीम ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए हाथ मिलाया।
श्रीधर ने आईएएनएस को बताया, हम एक ब्लॉक में कम से कम एक गांव का टीकाकरण करने की योजना बना रहे थे और जिले में दस ब्लॉक हैं। प्रत्येक ब्लॉक का प्रभारी प्रखंड विकास अधिकारी को दिया गया था और वॉलेंटियर्स और आशा कार्यकर्ताओं ने टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए घर-घर अभियान चलाया था।
जिला कलेक्टर ने यह भी कहा कि कल्लाकुरुची को सौ प्रतिशत टीकाकरण वाले जिले में बदलने के प्रयास जारी हैं और स्वास्थ्य कार्यकर्ता और राजस्व अधिकारी इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए ओवरटाइम कर रहे हैं।
उप निदेशक स्वास्थ्य सेवा सतीश कुमार ने कहा कि मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) ने दो गांवों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया और 18 वर्ष से अधिक आयु की पात्र आबादी की सूची तैयार की। मतदाता सूची के साथ नामों का मिलान किया गया और फिर लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूकता पैदा की गई।
जिला कलेक्टर ने कहा, शुरूआत में, लोगों की ओर से हिचकिचाहट थी और विशेष रूप से विकलांग लोग टीकाकरण के लिए अनिच्छुक थे। हमने जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए और जागरूकता बढ़ाने के लिए शॉर्ट वीडियो बनाए गए और अब एक बदलाव आया है। हमने लगभग 60 से 70 प्रतिशत टीकाकरण किया है। जिले में पूरी पात्र आबादी का और बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है।
--आईएएनएस
एचके/आरजेएस