डॉक्टरों ने इस संबंध में सरकारी अधिसूचना के विरोध में सुबह 6 से शाम 6 बजे तक ओपीडी और गैर-आपातकालीन, गैर-कोविड चिकित्सा सेवाओं में काम नहीं किया। साथ ही सरकार के इस आदेश को अवैज्ञानिक बताया।
आईएमए ने एक विज्ञप्ति में कहा, यह अधिसूचना भारतीय नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
हालांकि, एसोसिएशन के सदस्यों ने आयुर्वेद और चिकित्सा के अन्य पारंपरिक रूपों को उनके क्षेत्रों में अनुसंधान करने और उन्हें देश की भलाई के लिए प्रोत्साहित करने की सलाह दी।
इस तरह की मिक्सोपैथी तबाही मचाएगी और लोगों के जीवन और अंगों के नुकसान का कारण बनेगी।
आईएमए-गुरुग्राम के अध्यक्ष डॉ. एमपी जैन ने कहा, हम देश के स्वास्थ्य को नष्ट करने के लिए सरकार के इस कदम का विरोध करते हैं और इस अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग करते हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि केंद्र ने इस अधिसूचना को वापस नहीं लिया, तो आईएमए विरोध प्रदर्शन तेज करेगा।
--आईएएनएस
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