By NS Desk | 09-Jul-2021
उन्होंने कहा, म्यूटेशन सभी वायरस के लिए स्वाभाविक है, जब उनका प्रसार होता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि कोविड-19 वायरस थोड़ी देर के बाद इन्फ्लूएंजा की तरह अपने स्थानिक चरण में पहुंच जाएगा और फिर कमजोर आबादी वाले समूह को सालाना वैक्सीन की खुराक लेनी पड़ सकती है।
उन्होंने समझाया कि फ्लू की तरह से माने जाने वाले इन्फ्लूएंजा भी सौ साल पहले एक महामारी थी, लेकिन आज यह एक स्थानिक बीमारी है।
उन्होंने आगे कहा, ठीक इसी तरह से कोविड-19 के संदर्भ में भी हम उम्मीद करते हैं कि यह महामारी होने की अपनी वर्तमान स्थिति से धीरे-धीरे एक स्थानिक बीमारी बन जाएगी। फिलहाल हम वयस्कों को फ्लू की सालाना खुराक लेने की सलाह देते हैं। जैसे-जैसे इन्फ्लूएंजा का वायरस उत्परिवर्तित होता रहेगा, हम उस हिसाब से टीके में मामूली बदलाव करते जाएंगे इसलिए घबराने की बात नहीं है। अभी उपलब्ध टीके कोविड-19 के नए रूपों के खिलाफ काफी हद तक प्रभावी हैं।
--आईएएनएस
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