सिवन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने कहा कि एक अंतरिम इन-स्पेस, जिसका सेट-अप हो चुका है, उसे निजी क्षेत्र की कंपनियों से 28 आवेदन प्राप्त हुए हैं। सिवन ने कहा कि यह आवेदन (एप्लिकेशन) छोटे और बड़े स्टार्टअप्स और विभिन्न अंतरिक्ष संबंधी गतिविधियों के लिए शैक्षणिक संस्थानों से प्राप्त हुए हैं।
इन-स्पेस भारत में निजी क्षेत्र के अंतरिक्ष उद्योग से जुड़े दिग्गजों के लिए नियामक है। यह निजी कंपनियों को भारतीय अंतरिक्ष इंफ्रास्ट्रक्च र का उपयोग करने के लिए विशेष स्तर पर एक स्थान प्रदान करने का काम करेगा।
सिवन ने कहा, हम अगले साल एन-स्पेस स्थापित करना चाहते हैं। मौजूदा अंतरिक्ष संबंधित नीतियों को संशोधित किया जाएगा या फिर नई नीतियां लाई जाएंगी।
फिलहाल जो योजना है, उसके अनुसार, इन-स्पेस के पास तकनीकी, कानूनी, सुरक्षा, निगरानी के साथ-साथ निजी क्षेत्र की जरूरतों और गतिविधियों के समन्वय के लिए गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अपने स्वयं के निदेशालय होंगे।
इन-स्पेस में एक बोर्ड के साथ ही उद्योग, अकादमिया और सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
--आईएएनएस
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