By NS Desk | 18-Jul-2021
सितोपलादि चूर्ण एक ऐसी आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग मुख्य रूप से खांसी और सामान्य सर्दी के इलाज के लिए किया जाता है।
सितोपलादि चूर्ण (Sitopaladi Churna in Hindi) एक आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic medicine) है जिसका उपयोग श्वसन रोगों, सर्दी, खांसी और निमोनिया (pneumonia) के इलाज के लिए किया जाता है। साथ ही यह भूख बढ़ाने और मौसमी एलर्जी (seasonal allergies) से लड़ने में भी मदद करता है। इसे पिप्पली (pippali),छोटी इलायची, दालचीनी आदि कई प्राकृतिक तत्वों से बनाया जाता है। इसके एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, यह माइग्रेन, एनीमिया और मधुमेह के इलाज में भी मदद करता है। यह एक सुरक्षित और प्राकृतिक एंटी-कफ फॉर्मूला माना जाता है जो सभी उम्र के रोगियों के लिए उपयुक्त है। डाबर, बैद्यनाथ, मुल्तानी, धूतपापेश्वर, कोट्टकल, उंझा समेत देश की तमाम बड़ी आयुर्वेदिक कंपनियां इसे बनाती है और आयुर्वेदिक स्टोर पर ये आसानी से उपलब्ध है।
सितोपलादि चूर्ण एक ऐसी आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग मुख्य रूप से खांसी और सामान्य सर्दी के इलाज के लिए किया जाता है। इसके अलावा इस दवा का उपयोग निम्नलिखित रोगों के इलाज के लिए भी किया जाता है:
सितोपलादि चूर्ण एलर्जी में उपयोगी - Sitopaladi Churna Useful in Allergy in hindi
सितोपलादि चूर्ण एलर्जी से ग्रस्त लोगों को इससे छुटकारा दिलाने में मदद करता है। एलर्जी की वजह से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है और इससे नाक बहना, गले में खराश और आंखों से पानी आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। सितोपलादि चूर्ण में एंटीहिस्टामाइन (Antihistamine) गुण होते हैं जिनका उपयोग एलर्जी के खिलाफ लड़ाई में किया जाता है।
सितोपलादि चूर्ण मधुमेह में उपयोगी - Sitopaladi Churna Useful in Diabetes in hindi
सितोपलादि चूर्ण का उपयोग रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता है। यह शरीर को स्टार्च को अवशोषित करने से रोकता है।
सितोपलादि चूर्ण श्वसन संबंधी रोगों में उपयोगी - Sitopaladi churna useful in respiratory diseases in hindi
सितोपलादि चूर्ण का उपयोग खांसी, छाती में जमाव और अन्य श्वसन रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। यह बलगम को ढीला और बाहर निकालने में मदद करता है। इसकी एंटीट्यूसिव संपत्ति केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने और खांसी को दबाने के लिए जिम्मेदार है। खांसी की गंभीरता के आधार पर इसे शहद या घी के साथ लिया जा सकता है।
सितोपलादि चूर्ण साइनस में उपयोगी - Sitopaladi churna useful in Sinus in hindi
सितोपलादि चूर्ण का कफ निस्सारक प्रभाव होता है और यह खांसी और कब्ज से राहत दिलाता है।
सितोपलादि चूर्ण एनीमिया में उपयोगी - Sitopaladi churna useful in Anemia
यह स्थिति महिलाओं में आम है और अक्सर कमजोरी की ओर ले जाती है। सितोपलादि चूर्ण, दालचीनी, इलायची और पाइपर लोंगम जैसी जड़ी-बूटियों का एक संयोजन है जो एनीमिया के इलाज में मदद करता है।
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सितोपलादि चूर्ण श्वसन विकारों के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला आयुर्वेदिक हर्बल उपचार है। इसमें निम्नलिखित सामग्रियां शामिल हैं:
मिश्री - रॉक शुगर के रूप में भी जाना जाता है, यह उपचार गुणों के साथ एक चमत्कारिक घटक है जो खांसी और सर्दी का इलाज कर सकता है। यह खांसी को कम करने में भी मदद करता है और अतिरिक्त बलगम को भी बाहर निकालता है। यह पाचन को बढ़ावा देता है। यह तुरंत पाचन शुरू करता है और भोजन के बाद मिठाई के रूप में कार्य करता है।
वंशलोचन - यह एक कसैला, स्वाद में मीठा, पाचन के बाद मीठा होता है और इसका शीतलन प्रभाव होता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है। वंशलोचन रोगाणुओं को मारता है और उनकी वृद्धि को रोकता है।
पिप्पली - यह सितोपलादि चूर्ण का महत्वपूर्ण घटक है।
पिप्पली का उपयोग आमतौर पर खांसी, सर्दी, पाचन संबंधी समस्याओं, प्रजनन संबंधी जटिलताएं और यहां तक कि मानसिक असंतुलन से लेकर कई तरह के विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। पिप्पली फ्री रेडिकल्स को हटाकर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करती है। यह श्वसन पथ से कफ और बलगम के स्राव को बढ़ावा देता है और उनसे छुटकारा दिलाता है।
त्वक या दालचीनी - त्वक या दालचीनी के कई औषधीय उपयोग हैं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, इंसुलिन रेजिस्टेंस, एंटी-डायबिटिक, एंटी-कैंसर, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल जैसे गुण होते हैं और यह एचआईवी और अल्जाइमर से भी लड़ता है।
सितोपलादि चूर्ण का उपयोग खांसी, छाती में जमाव और अन्य श्वसन रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। यह एक्सपेक्टोरेंट कफ को ढीला और बाहर निकालने में मदद करता है। खांसी की गंभीरता के आधार पर, इसे अन्य दवाओं के साथ शहद या घी के साथ लिया जा सकता है।
सितोपलादि चूर्ण की खुराक आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा बतायी गयी मात्रा में ही लेनी चाहिए। वैसे आयुवर्ग के हिसाब से सामान्य खुराक की मात्रा निम्नलिखित होती है -
* ध्यान रहे कि भोजन करने के बाद सितोपलादि चूर्ण का सेवन करना ज्यादा अच्छा होगा।
प्रश्न- क्या सितोपलादि चूर्ण खांसी से राहत दिलाने में मदद करता है?
उत्तर- सितोपलादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग खांसी को ठीक करने में किया जाता है। खांसी से छुटकारा पाने के लिए इस चूर्ण को 2-4 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार लेने की सलाह दी जाती है।
प्रश्न- यदि कोई व्यक्ति सितोपलादि चूर्ण का अधिक मात्रा में सेवन करे तो क्या होगा?
उत्तर- सितोपलादि चूर्ण की अनुशंसित खुराक से अधिक लेने से गैस्ट्राइटिस हो सकता है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि निर्धारित खुराक से अधिक न ले।
प्रश्न- क्या सितोपलादि चूर्ण के सेवन से कोई दुष्प्रभाव होते हैं?
उत्तर। सितोपलादि चूर्ण एक सुरक्षित दवा है, लेकिन इसे निर्धारित खुराक से अधिक मात्रा में लेने से मामूली दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इस चूर्ण को खाली पेट लेने से गैस्ट्राइटिस हो सकता है। इसलिए इसे भोजन के साथ लेना चाहिए। इसके अलावा, इसमें दालचीनी भी शामिल है।
प्रश्न- क्या सितोपलादि चूर्ण की आदत पड़ जाती है?
उत्तर- नहीं, ऐसा बिलकुल नहीं होता। लेकिन चिकित्सकीय देखरेख में लेना श्रेयस्कर होगा।
प्रश्न- क्या सितोपलादि चूर्ण खाने के बाद नींद आती है?
उत्तर- नहीं। निर्धारित मात्रा में खुराक लेने से ऐसी कोई समस्या नहीं आती। लेकिन यदि आपको ऐसा लग रहा है तो चिकित्सक से संपर्क करे।
प्रश्न- क्या गर्भावस्था के दौरान इस सितोपलादि चूर्ण को देना सुरक्षित है?
उत्तर- हां, गर्भावस्था के दौरान इस आयुर्वेदिक पाउडर का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, इसे देने से पहले आयुर्वेद चिकित्सक से जरुर परामर्श करे।
प्रश्न- क्या सितोपलादि चूर्ण उनींदापन महसूस कराता है?
उत्तर- नहीं, सितोपलादि चूर्ण निर्धारित मात्रा में लेने पर नींद नहीं आती है। हालांकि, अगर आप इसके सेवन के बाद उनींदापन का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको एक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
प्रश्न- क्या गाड़ी चलाने से पहले सितोपलादि चूर्ण का सेवन करना उचित है?
उत्तर- हां, गाड़ी चलाने से पहले सितोपलादि चूर्ण का सेवन करना ठीक है।
प्रश्न- अपनी स्थिति में सुधार देखने तक मुझे सितोपलादि चूर्ण कितने समय तक लेना चाहिए?
उत्तर- सितोपलादि चूर्ण दो सप्ताह में अपना असर दिखाएगा। हालांकि, इस उत्पाद को स्वास्थ्य चिकित्सक द्वारा निर्धारित खुराक और अवधि में लेने की सलाह दी जाती है
Read in English ► Sitopaladi Churna Benefits And Side Effects
किसी भी प्रकार की दवाई लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। आयुर्वेद के अनुभवी डॉक्टर से निशुल्क: परामर्श लें @ +91-9205773222