By NS Desk | 24-Jun-2022
सारस्वतारिष्ट एक ऐसा आयुर्वेदिक फार्मूला है जो चिंता, थकान, अनिंद्रा, यादाश्त में कमी आदि समस्याओं में मददगार साबित होता है। इसे सारस्वतारिष्टम भी कहा जाता है। इसे बुद्धि बलवर्धक माना गया। इसमें 18 जड़ी-बूटियाँ होती है जिसमें से कुछ में मेध्य रसायन के गुण पाए जाते हैं। मेध्य रसायन संस्कृत के दो शब्दों 'मेध्य और रसायन' से बना है। मेध्य का अर्थ है बुद्धि। इस तरह से 'मेध्य रसायन' को आप बुद्धिवर्धक रसायन कह सकते हैं। मानसिक और तंत्रिका तंत्र विकारों के इलाज में यह प्रभावी सिद्ध होता है। आवाज को सुधारने में और बौद्धिक विकास में भी यह सहायक होता है।
सारस्वतारिष्ट में मौजूद जड़ी-बूटियाँ इस तरह से है -
ब्राह्मी, शतावरी, विदारीकंद, हरड़, खास, अदरक, सौंफ के बीज, निर्गुंडी, पिप्पली, निसोथ, लौंग, वाचा, कूट, अश्वगंधा, बहेड़ा, गिलोय, इलायची, विदंगा, दालचीनी, शहद।
सारस्वतारिष्ट कई विकारों में प्रभावी ढंग से काम करता है। इसके प्रमुख स्वास्थ्य लाभ है -
चिंता - सारस्वतारिष्ट चिंता के लक्षणों के प्रबंधन में उपयोगी है। आयुर्वेद के अनुसार चिंता मुख्य रूप से वात असंतुलन के कारण होती है। सारस्वतारिष्ट अपने वात संतुलन गुण के कारण चिंता के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। मानसिक तनाव की स्थिति में इस दवा को लेने से बहुत अच्छा लाभ मिलता है।
यादाश्त - सारस्वतारिष्ट कमजोर यादाश्त के सुधार में भी मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार यादाश्त में कमी कफ की निष्क्रियता या वात दोष के बढ़ने के कारण होती है। सारस्वतारिष्ट अपने वात संतुलन और रसायन गुणों के कारण यादाश्त को बढ़ाने में मदद करता है।
अनिंद्रा - सारस्वतारिष्ट में ब्राह्मी के साथ-साथ अन्य ऐसी जड़ी-बूटियाँ भी होती हैं जो मस्तिष्क के तंतुओं में ऊर्जा के प्रवाह को सही करती हैं। बहुत अधिक मानसिक कार्य करने या बहुत अधिक पढ़ने या कंप्यूटर पर काम करने से मस्तिष्क की नसें सूज जाती हैं जिसके कारण व्यक्ति को अच्छी नींद नहीं आती है। कई बार बहुत अधिक तनाव होने पर भी यह समस्या हो जाती है। ऐसे में सारस्वतारिष्ट मस्तिष्क की नसों को शांत करता है और अनिद्रा की समस्या को दूर करता है। इस दवा के सेवन से व्यक्ति को गहरी और लंबी नींद आती है और व्यक्ति बहुत हल्का-हल्का महसूस करता है।
हृदय रोग - सारस्वतारिष्ट हृदय रोगों के लिए भी एक अच्छा रसायन है। इस दवा में कई ऐसी जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है जो हृदय गति को स्थिर करती हैं और शरीर को शक्ति प्रदान करती हैं
हकलाने में फायदेमंद - यदि वाणी में स्पष्टता न हो और बचपन से ही हकलाते हो तो सारस्वतारिष्ट का सेवन लाभकारी सिद्ध हो सकता है। लेकिन बेहतर परिणाम दीर्घकालिक सेवन के उपरांत ही दिखायी देते हैं।
बच्चों के बौद्धिक विकास में सहायक - सारस्वतारिष्ट छोटे बच्चों के लिए बुद्धि बढ़ाने वाले टॉनिक के रूप में कार्य करता है। इस औषधि के सेवन से बच्चों की बुद्धि तेज होती है। जो बच्चे ठीक से बोल नहीं पाते हैं, उन्हें इस दवा के सेवन से लाभ मिलता है।
समूल पत्रशाखाया ब्राह्म्याः ब्रह्ममुहुर्तके |
गृहीत्वा विंशति पलं पुष्प योगे शतावरी ||
विदारिकभ्योषिरान्यार्द्रकञ्च तथा मिशिः |
पञ्च पञ्च पलान्येषां जल द्रोणे पचेत् भिषक् ||
पादावशेषे विस्राव्य रसं वस्त्रेण गालयेत् |
माक्षिकस्य दश पलं सितायाः पञ्चविंशतिः ||
धातकी पञ्चपलिक रेणुका त्रिवृता कणा |
देवपुष्पं वचा कुष्टं वाजिगन्धा विभितकी ||
अमृत्तैल विडङ्ग त्वक् प्रत्येकं कर्ष सम्मितम् |
क्वाथे तस्मिन् समस्तानि समाक्षिप्य प्रयत्नतः ||
स्वर्णकुम्भं निधयध्वा नव मृद्विजने अपि वा |
स्वर्णस्य तनु पत्रञ्च क्षिप्त्वा अस्मिन् कर्ष सम्मितम् ||
मासाज्जतरसं दृष्ट्वा हेम पत्रं क्षयं गतं |
वाससा च परिस्राव्य स्थापयेत् घृत भाजनं |
सरस्वाभिधो अरिष्टः येषो अमृतसमः पुरा ||
शिष्यानमुपकरार्थं धन्वन्तरिविनिर्मिताः |
आयुवीर्यं स्मृतीं मेधां बलं कान्तीं विवर्धयेत् ||
वाग्वि शुद्धिकरो हृद्यो रसायनवरः स्मृतः |
बालकाञ्च यूनाञ्च वृद्धाञ्च सदा हितः ||
नर नारी हितो नित्यं परमोजस्करो मतः |
वरयत्स्वरककार्ष्यं तथा चास्यष्टभाषणं ||
स्वरं परभ्रुतस्येव जनयेत्सेवनस्तदा |
रजोदोषेण दुष्टानां योषिता शुक्र दोषिनां ||
पूसञ्चापि शुभकरः सर्वदोषहरो मतः |
अत्यध्यनन गीतादि क्षीण स्मृति बला नराः ||
लभन्तं चित्तसन्तोषं स्मृतिन्चास्य निषेवनात |
पयसा सह पातव्यो अरिष्टो अयं शाणमानतः ||
मासाभ्यां रोगहच्चापि शरदा सर्व संसिद्धः||
सारस्वतारिष्ट को निर्धारित खुराक में उपयोग करने पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। लेकिन इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही करना चाहिए।
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सारस्वतारिष्ट को दिन में दो बार 2 या 3 चम्मच पानी के साथ मिलाकर सेवन करना चाहिए। बेहतर होगा कि खुराक की मात्रा आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशानुसार ले।
सारस्वतारिष्ट की सेल्फ लाइफ 10 वर्ष है।
सारस्वतारिष्ट क्या है?
सारस्वतारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि है जो स्मृति भ्रम, स्मृति दुर्बलता, मस्तिष्क की कमजोरी, मानसिक तनाव जैसे मानसिक रोगों से लड़ने और बच्चों की आवाज में सुधार करने में मदद करती है।
सारस्वतारिष्ट की शेल्फ लाइफ कितनी थी?
सारस्वतारिष्ट की शेल्फ लाइफ निर्माण की तारीख से 10 साल सबसे अच्छी है।
सारस्वतारिष्ट का सेवन कैसे करें?
सारस्वतारिष्ट को 2-3 चम्मच सुबह-शाम भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए।
क्या सारस्वतारिष्ट सुरक्षित है?
हाँ, यदि निर्धारित खुराक में लिया जाए तो यह पूर्णतया सुरक्षित है।
सारस्वतारिष्ट किसके लिए प्रयोग किया जाता है?
सारस्वतारिष्ट स्मृति भ्रम, स्मृति दुर्बलता, मस्तिष्क की दुर्बलता, मानसिक तनाव जैसे मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाता है और बच्चों की आवाज में सुधार करता है।
क्या सारस्वतारिष्ट का उपयोग पेट के लिए ठीक है?
सारस्वतारिष्ट पेट के लिए सुरक्षित माना जाता है।
क्या सारस्वतारिष्ट की आदत पड़ जाती है?
नहीं, ऐसा सारस्वतारिष्ट की आदत नहीं पड़ती।
क्या मैं सारस्वतारिष्ट को शराब के साथ ले सकता हूं?
सारस्वतारिष्ट का शराब के साथ क्या प्रभाव होगा इस बारे में कोई शोध नहीं किया गया है।
क्या सारस्वतारिष्ट का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
गर्भावस्था के दौरान सारस्वतारिष्ट का सेवन आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। ऐसा न करने पर नकरात्मक परिणाम हो सकते हैं।
क्या सारस्वतारिष्ट का सेवन स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाओं में सारस्वतारिष्ट के कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह के बिना सारस्वतारिष्ट का सेवन स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नहीं करना चाहिए।
क्या सारस्वतारिष्ट के कोई दुष्प्रभाव हैं?
सारस्वतारिष्ट को निर्धारित खुराक में उपयोग करने पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। लेकिन आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह के बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
सारस्वतारिष्ट संदर्भ - Saraswatarishta Reference
भैसज्य रत्नावली
रसायनोगाधिकार 178-191
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4204283
किसी भी प्रकार की दवाई लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। आयुर्वेद के अनुभवी डॉक्टर से निशुल्क: परामर्श लें @ +91-9205773222