By NS Desk | 06-Jan-2021
Mahayograj Guggulu
महायोगराज गुग्गुलु बंग, भष्म, रौप्य, नाग भस्म, लौह भस्म. अभ्रक भस्म, मंडूर भस्म, रससिंदूर के साथ तैयार की गयी वात रोगों की सबसे प्रसिद्ध औषधि है. इसका प्रयोग समस्त वात विकारों, वातरक्त, मेद वृद्धि इत्यादि रोगों में किया जाता है. यह दीपन, पाचन, आम दोषनाशक एवं समस्त धातुओं का पोषण प्रदान करता है.
(यह भी पढ़े ► उंझा की सिंहनाद गुग्गुल : आमवात में लाभकारी)
एक से दो टेबलेट सुबह-शाम आवश्यक अनुपात के साथ इसका सेवन करना चाहिए. अलग - अलग बीमारियों में दवा की खुराक भी अलग - अलग हो सकती है. इसलिए चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार ही दवा लेना उचित होगा.
खट्टा, वासी भोजन, अचार, निम्बू, टमाटर, बैगन, अरबी, मात्र, चना, चावल इत्यादि का परित्याग करना चाहिए.
दूध, सब्जियां, फलियाँ, सलाद, कम नमक, गरम दूध, घी (कोलेस्ट्रौल अधिक हो तो परहेज करे)
महायोगराज गुग्गुलु की पैकिंग - 30, 60, 200, 1000 टेबलेट
https://nirogstreet.com/medicine/unjha/mahayograj-guggulu-4
( जानकारी का स्रोत - उंझा बुकलेट )
यह भी पढ़े ► कामेश्वर मोदक : यौन विकारों (सेक्सुअल डिसॉर्डर) की अचूक औषधि
किसी भी प्रकार की दवाई लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। आयुर्वेद के अनुभवी डॉक्टर से निशुल्क: परामर्श लें @ +91-9205773222