By NS Desk | 25-Jan-2022
भारत जैसे देश में मधुमेह के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए तो शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
आयुर्वेद के शास्त्रों में मधुमेह के उपचार के लिए विस्तार से बताया गया है जिसके माध्यम से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन सवाल उठता है कि क्लीनिकल प्रैक्टिस में आयुर्वेद के इन सिद्धांतों को अपनाकर मधुमेह रोगियों का सफल उपचार कैसे किया जाए? क्योंकि हरेक रोगी की प्रकृति और परिस्थितियाँ अलग-अलग होती है।
इसी को ध्यान में रखते हुए निरोगस्ट्रीट एप के वेबिनारों की शृंखला में आज मधुमेह पर परिचर्चा होगी। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. हिमांशु मिश्र अपनी बात विस्तार से रखेंगे जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वक्ता हैं।
आयुर्वेद के प्रचार - प्रसार के लिए अबतक वे 15 से अधिक देशों का दौरा कर चुके हैं। वे प्रांजल आयुर्वेद (PRANJAL AYURVEDA) के निदेशक (Director) हैं और लगभग 20 वर्षों का क्लीनिकल प्रैक्टिस (Clinical Practice) का उनका अनुभव है।
आयुर्वेद के द्वारा मधुमेह के इलाज में उन्होंने विशिष्टता हासिल की है और अबतक हजारों मधुमेह रोगियों का सफलतापूर्वक उपचार कर चुके हैं। आज अपने इसी ज्ञान को वे निरोगस्ट्रीट के इस वेबिनार के माध्यम से साझा करेंगे।
आज के व्याख्यान की जानकारी -
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